पत्थलगड़ी और धर्म परिवर्तन का किया अग्निवेश ने समर्थन
स्वामी अग्निवेश ने मंगलवार को पाकुड़ पहुंचते ही मीडिया से बातचीत किए।
जागरण संवाददाता, पाकुड़ : स्वामी अग्निवेश ने मंगलवार को पाकुड़ पहुंचते ही मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार को झारखंड के 15 जिलों में पी-पेसा कानून लागू करना चाहिए। उन्होंने पत्थलगड़ी आंदोलन व धर्म परिवर्तन के मुद्दे का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि देश के किसी भी राज्यपाल ने आदिवासियों के हित में 5 वीं अनुसूची में प्रदत्त अधिकार का प्रयोग नहीं किया है। पत्थलगढ़ी आंदोलन का समर्थन कर कहा कि सरकार से निराश वहां के लोगों ने पेसा कानून के तहत ही पत्थलगड़ी आंदोलन किया। तब सरकार उनके दमन पर उतर आई। आज आदिवासी के लिए आवाज उठाने वालों को नक्सली बताकर गैरकानूनी कानून से कुचला जा रहा है। नक्सल समस्या का समाधान गोली से नहीं बोली से निकलेगा। यह विधि व्यवस्था की समस्या नहीं बल्कि सामाजिक आर्थिक समस्या है। जब हम चीन व पाकिस्तान से बात कर सकते हैं तो नक्सली से क्यों नहीं करते। ये तो हमारे ही लोग हैं। 1996 में बने पेसा कानून के तहत शिड्यूल एरिया में आदिवासियों का स्वशासन होगा। वहां न तो नगरपालिका होगी न ही पंचायत। जिला स्तर पर डिस्ट्रिक काउंसिल होगी। इसके अंतर्गत ही जिले के सभी अधिकारी होंगे। जब महात्मा गांधी पैदा नहीं हुए थे, तब पहाड़िया व आदिवासी समुदाय के लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। बावजूद इनकी आज तक उपेक्षा की जा रही है। केंद्र व राज्य सरकार पर हमला बोल कहा कि सरकार कॉरपोरेट घरानो की संरक्षक बनी हुई है। बैंकों का पैसा लुटा रही है। धर्म परिवर्तन का समर्थन करते हुए कहा कि यह तो किसी का व्यक्तिगत विचार होना चाहिए। जिसे जब इच्छा हो धर्म परिवर्तन कर सकता है। जिसे भी न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलती है वह बंधुआ मंजदूर है। सरकार स्वयं बंधुआ मजदूरों से काम करा रही है। उनके साथ बंधुआ मजदूर मुक्त मोर्चा के बिहार प्रभारी मनोहर मानव, सामाजिक कार्यकर्ता राजीव पांडेय आदि थे।