सड़क में खामी से होती हैं अधिकतर दुर्घटनाएं
जागरण संवाददाता पाकुड़ हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार
जागरण संवाददाता, पाकुड़ : हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार, खतरनाक व दुर्गम क्षेत्रों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने व बेहतर नीतियों के निर्माण जैसे जरूरी कदम उठाना आवश्यक है। सड़कों पर चिह्न का समुचित निर्धारण व वाहन चालकों की मदद के लिए आवश्यक चेतावनी व संकेत भी जरूरी है। परिवहन विभाग के अनुसार जिले में एक भी ब्लैक स्पॉट नहीं है, लेकिन विभाग ने जिले के आठ स्थानों को दुर्घटना संभावित क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया है। चालक सावधानी से वाहन चलाएं तो दुर्घटना की आशंका कम हो जाएगी। सड़क में खामियां भी हादसे की बड़ी वजह है। जिले की अधिकतर सड़कों से डिवाइडर, रिफ्लेक्टर आदि गायब है। अमड़ापाड़ा व लिट्टीपाड़ा प्रखंड होकर गुजरने वाली साहिबगंज-गोविदपुर एक्सप्रेस हाइवे के अधिकतर स्थानों पर डिवाइडर व रिफ्लेक्टर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। पाकुड़-बरहड़वा तथा पाकुड़-हिरणपुर एनएच पर उभरे गड्डे भी चालकों के लिए जानलेवा बनता जा रहा है। हिरणपुर उच्च विद्यालय के निकट जर्जर सड़क पर कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है। सूचना पट की बात करें तो एक्सप्रेस हाइवे तथा एनएच में कई स्थानों पर यातायात नियमों से संबंधित सूचना पट बहुत पहले लगाए गए थे। इस समय अधिकतर सूचना पट क्षतिग्रस्त हो चुकी है। वाहन चालकों की नजर सूचना पट पर नहीं टिक रही है। सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं लगी है। इससे दुर्घटना में इजाफा होता जा रहा है।
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इन स्थानों पर होते हैं हादसे
परिवहन विभाग के अनुसार जिले में एक भी ब्लैक स्पॉट नहीं है। इसके बाद भी कुछ स्थान ऐसे हैं जहां अक्सर दुर्घटनाएं होती है। महेशपुर प्रखंड के गैस गोदाम के समीप, सिलमपुर, पोखरिया में सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती है। पाकुड़िया में बागजोबड़ा पुल, ब्लॉक रोड तथा खक्सा पहाड़ के समीप सड़क दुर्घटनाएं होती है। इसी तरह हिरणपुर में घुमावदार पथ होने के कारण रामनाथपुर, देवपुर बड़ी पुल तथा ढलान होने के कारण लिट्टीपाड़ा में लबदा घाटी, धरमपुर आदि स्थानों पर सड़क दुर्घटनाएं होती है।
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यातायात सुरक्षा मानकों का पालन नहीं
वाहन चालक सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते हैं। सड़क किनारे लगाए गए सूचना पट पर उल्लेख किए गए बातों पर चालकों का ध्यान नहीं जाता है। यही कारण है कि दुर्घटनाएं होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चालक सुरक्षा मानकों का सही तरीके से पालन करना सीख ले तो सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी।
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जिले में एक भी ब्लैक स्पॉट नहीं है, लेकिन आठ स्थानों को दुर्घटना संभावित क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है। दुर्घटना संभावित क्षेत्र होकर गुजरते समय ध्यान देने की जरूरत है।
संतोष कुमार गर्ग, जिला परिवहन पदाधिकारी, पाकुड़