संताली साहित्य के विकास पर चर्चा
संवाद सूत्र,पाकुड़िया(पाकुड़): प्रखंड क्षेत्र के भालुकचुआं गांव में गुरुवार को संताली पार
संवाद सूत्र,पाकुड़िया(पाकुड़): प्रखंड क्षेत्र के भालुकचुआं गांव में गुरुवार को संताली पारसी लाहन्ती बैसी सामाजिक संगठन की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता संगठन के नरेश मुर्मू ने की। बैठक के दौरान जानकारी देते हुए मुर्मू ने बताया कि संताली भाषा आदिवासी समाज का आधार है। इस भाषा की रक्षा करना समाज के लोगों का कर्तव्य है। इसके लिए समाज के लोगों को जागरूकता होना अनिवार्य है। बैठक में ÞओलचिकीÞ लिपि के बारे में चर्चा करते हुए भवेश किस्कु ने बताया कि ÞओलचिकीÞ अवैज्ञानिक लिपि है। इस लिपि से संताली साहित्य का विकास करना संभव नही है। ÞओलचिकीÞ लिपि में अक्षर की कमी है। ÞओलचिकीÞ लिपि द्वारा संताली भाषा का सही उच्चारण नहीं हो पा रहा है। बैठक में उपस्थित बैसी के सदस्यों ने बताया कि संताली भाषा की पढ़ाई देवनागरी एवं रोमन लिपि से होनी चाहिए। मौके पर सुनील टुडू, जेरोम सोरेन, प्रोमे हेम्ब्रम, बाबुधन मुर्मू, कालिदास हेम्ब्रम, साइमन मुर्मू, साइमन हांसदा, जोनातुस मुर्मू, कालिदास मुर्मू सहित अन्य मौजूद थे।