चुनाव से पहल खेल में किस्मत आजमा रहे नेता
पाकुड़ विधानसभा चुनाव से पहले नेता खेल प्रतियोगिताओं में किस्मत आजमा रहे हैं। इसी माध्यम
पाकुड़ : विधानसभा चुनाव से पहले नेता खेल प्रतियोगिताओं में किस्मत आजमा रहे हैं। इसी माध्यम से विधायक, टिकट की उम्मीद लगाए बैठे नेता व विभिन्न दलों के कार्यकर्ता चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। खेल के बहाने जनप्रतिनिधि जनता तक पहुंच रहे हैं। खिलाड़ियों को सम्मान दे रहे हैं। पाकुड़ में इन दिनों जनप्रतिनिधि फुटबॉल समेत अन्य खेलों को खूब तवज्जो दे रहे हैं। वहीं खेल कमेटी के सदस्य जनप्रतिनिधियों को मुख्य अतिथि बना रहे हैं।
जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं। पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक आलमगीर आलम हैं। महेशपुर विस क्षेत्र के विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी व लिट्टीपाड़ा विस क्षेत्र के विधायक साइमन मरांडी हैं। वहीं राजमहल लोकसभा क्षेत्र का विजय हांसदा प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चुनावी मौसम में सभी दलों के जनप्रतिनिधि, नेता, कार्यकर्ता अपनी जमीन को तैयार करने में जुट जाते हैं। लिट्टीपाड़ा व महेशपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनने में आदिवासी वोटरों का बहुत बड़ी भूमिका रहती है। इसलिए चुनाव के मौसम में उक्त विधानसभा क्षेत्रों में होने वाली विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में नेताजी अवश्य उपस्थित रहते हैं। आदिवासियों का सबसे प्यारा खेल फुटबॉल हैं। लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिट्टीपाड़ा, हिरणपुर व अमड़ापाड़ा प्रखंड क्षेत्र में फुटबॉल प्रतियोगिताएं खूब होती है। वहीं महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के महेशपुर, पाकुड़िया व अन्य आदिवासी इलाके में भी फुटबॉल प्रतियोगिताएं होती है।
टिकट की उम्मीद लगाए बैठे नेता भी हैं सक्रिय
लिट्टीपाड़ा व महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों के अलावा विभिन्न दलों के वैसे नेता सक्रिय हैं जो टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं। हालांकि दलों के आलाकमान तय करेंगे कि टिकट किसे देना है। लेकिन अभी से ही लिट्टीपाड़ा व महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में होने वाली फुटबॉल प्रतियोगिताओं में नेताजी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहें हैं।
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गुप्त दान कर रहे हैं नेता
जनप्रतिनिधियों व विभिन्न दलों के नेताओं को मुख्य अतिथि बनाने के पीछे बहुत बड़ा राज है। विभिन्न खेल समितियां वैसे जनप्रतिनिधि व नेता को मुख्य अतिथि बनाते हैं जो खेल में मोटी रकम उपलब्ध कराते हैं। जनप्रतिनिधि व नेता गुप्त दान के तर्ज पर समितियों को रुपये देते हैं।