रविवारीय अवकाश के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का प्रदर्शन
रविवारीय व राजपत्रित अवकाश नहीं मिलने से नाराज स्वास्थ्यकर्मियों (एएनएम जीएनएम एमपीडब्ल्यू) ने रविवार की सुबह पुराना सदर अस्पताल प्रांगण में विरोध-प्रदर्शन किया और धरना पर बैठ गए। सभी प्रखंडों में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों ने भी कार्य बहिष्कार करते हुए प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, पाकुड़ : रविवारीय व राजपत्रित अवकाश नहीं मिलने से नाराज स्वास्थ्यकर्मियों (एएनएम, जीएनएम, एमपीडब्ल्यू) ने रविवार की सुबह पुराना सदर अस्पताल प्रांगण में विरोध-प्रदर्शन किया और धरना पर बैठ गए। सभी प्रखंडों में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों ने भी कार्य बहिष्कार करते हुए प्रदर्शन किया। खबर मिलते ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. कौशल कुमार सिंह प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और कर्मियों को समझाने का प्रयास किया। स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि रविवारीय अवकाश दिया जाए, अन्यथा आंदोलन किया जाएगा। इस पर चिकित्सा पदाधिकारी ने आश्वासन दिया कि इस पर जल्द विचार किया जाएगा।
झारखंड राज्य एनआरएचएम/एएनएम/जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ के बैनर तले स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रदर्शन किया। संघ की अध्यक्ष मर्शिला टुडू ने कहा कि हमलोगों के साथ काफी अन्याय हो रहा है। कोविड काल में ईमानदारी पूर्वक काम करने के बाद भी रविवारीय अवकाश के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इसके लिए सिविल सर्जन, डीसी से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बाध्य होकर हमलोगों को आंदोलन करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को सप्ताह में एक दिन भी अवकाश मिलना चाहिए। रविवार को अवकाश नहीं मिलने के कारण मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है और घर-परिवार व बच्चों से दूरी बनती जा रही है। वर्तमान में कोविड-19 स्थिर है। इसके बाद भी रविवार को काम लिया जा रहा है। संघ की रोसा तिग्गा ने कहा कि कोविड के पूर्व स्वास्थ्यकर्मियों को रविवार को अवकाश मिलता था। कोविड काल के समय सातों दिन काम लिया गया। एएनएम, जीएनएम, एमपीडब्ल्यू सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी जान पर खेलकर दिन-रात लोगों की सेवा की। अब जब कोरोना शांत है तो भी रविवार को काम करना पड़ रहा है। इधर, सदर प्रखंड सहित लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, अमड़ापाड़ा, पाकुड़िया और हिरणपुर में भी एएनएम, जीएनएम और एमपीडब्ल्यू ने प्रदर्शन किया। इस मौके पर मीरा कुमारी, नील सुमन कुजूर, मीनू चौरसिया, सोनी कुमारी, मीनाक्षी हांसदा, शिवानी कुमारी, हर्षलता मुर्मू, सुमन सिंह, गोपाल कुमार, उज्जवल मंडल, शत्रुध्न मंडल, मृत्युंजय घोष उपस्थित थे।