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यक्ष्मा रोग से मरने वालों के आकड़ों में आई कमी : सिविल सर्जन

जागरण संवाददाता पाकुड़ यक्ष्मा लाइलाज बीमारी नहीं है। यक्ष्मा मरीजों का मुफ्त इलाज होता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 05:16 PM (IST)Updated: Thu, 25 Mar 2021 01:00 AM (IST)
यक्ष्मा रोग से मरने वालों के आकड़ों में आई कमी : सिविल सर्जन
यक्ष्मा रोग से मरने वालों के आकड़ों में आई कमी : सिविल सर्जन

जागरण संवाददाता, पाकुड़ : यक्ष्मा लाइलाज बीमारी नहीं है। यक्ष्मा मरीजों का मुफ्त इलाज होता है। इस रोग से ग्रसित रोगियों को सिर्फ परहेज करने की जरूरत है। नियमित दवा भी खाना है। यह बातें बुधवार को सदर अस्पताल के सभागार में विश्व यक्ष्मा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान ने कही। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एहतेशामउद्दीन ने जिले के यक्ष्मा मरीजों की संख्या से अवगत कराया तथा उसके उपचार के बारे में जानकारी दी।

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सिविल सर्जन ने कहा कि जिले में यक्ष्मा से मौत का आंकड़ा कम है। यक्ष्मा मरीज आसानी से ठीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खांसी होने पर तुरंत बलगम जांच के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। चिकित्सकों की सलाह लें। दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खांसी होने पर टीबी बीमारी होने की संभावना रहती है। जांच के बाद तुरंत इलाज शुरू होने पर रोगी जल्दी ठीक हो जाते हैं। वैसे रोगी जो टीबी की दवा खाने के बाद भी उनके बलगम में टीबी के जीवाणु पाए जाते हैं तो वह मल्टी ड्रग रेसिशटेंस टीबी कहलाता है। ऐसे रोगी के जीवाणु में टीबी के दवा के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। यक्ष्मा को खत्म करने के लिए डॉट्स प्लस सेवा शुरू की गई है। पाकुड़ जिले में वर्ष 2013 से यह सेवा प्रारंभ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाकुड़ में अत्याधुनिक सीबीनेट प्रयोगशाला में बलगम की जांच होती है। उन्होंने जिले वासियों से अपील की कि यक्ष्मा बीमारी को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें। जांच कर तुरंत इलाज शुरू कर दें। मौके पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसके झा, डॉ. अमित, डॉ. आरके सिंह, डॉ. शंकरलाल मुर्मू, डॉ. दोमनिका मरांडी, दीपक कुमार, कांग्रेस के जिला प्रवक्ता मुख्तार हुसैन आदि उपस्थित थे। ------------------- वर्ष 2020 में मिले 1256 मरीज

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एहतेशाम उद्दीन ने जिले भर में यक्ष्मा मरीजों की संख्या से अवगत कराया। वर्ष 2005 के जून माह से अब तक 19954 मरीज को चिह्नित किया गया है। इसमें से 17200 मरीजों का सफल इलाज किया जा चुका है। 888 रोगियों की मौत हो चुकी है। वर्ष 2020 में उपलब्धि की बात करें तो जिलेभर में अब तक 1256 यक्ष्मा के मरीज चिन्हित किए जा चुके हैं। 626 मरीजों का सफल इलाज हो चुका है। 543 मरीज अभी भी इलाजरत हैं। ---------------- शहर में निकाली गई जागरूकता रैली विश्व यक्ष्मा दिवस पर शहर में जागरूकता रैली निकाली गई। पुराना सदर अस्पताल से सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। रैली में शामिल स्वास्थ्यकर्मी और एनएसएस कैडेटों ने यक्ष्मा को मिटाना है के नारे लगाए। यक्ष्मा बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक भी किया।


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