केंद्र की नीति निवेश नहीं, विनिवेश
संवाद सहयोगी पाकुड़ ईस्टर्न रेलवे मेंस कांग्रेस की त्रिवार्षिक साधारण सभा में संगठन के ज
संवाद सहयोगी, पाकुड़ : ईस्टर्न रेलवे मेंस कांग्रेस की त्रिवार्षिक साधारण सभा में संगठन के जोनल सभापति विनोद शर्मा ने कहा कि श्रमिक विरोधी केंद्र सरकार भारतीय रेल सहित सभी सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण कर रही है। सरकार के इस रवैये से देश के मजदूर वर्ग नाखुश है। केंद्र की नीति यह नहीं है कि देश में निवेश हो, बल्कि सरकार सरकारी संपत्ति का विनिवेश चाहती है। वह पाकुड़ रेलवे स्टेशन परिसर में रविवार को सभा को संबंधित कर रहे थे।
कहा कि ऐसी नीतियों से केंद्र व राज्य के मजदूर, कर्मचारी, संगठित-असंगठित क्षेत्रों के श्रमिक दुखी हैं। तीन श्रमिक संशोधन हुए हैं, जिन्हें अप्रैल 2021 से लागू करने की बात हो रही है। ईआरएमसी इसका विरोध करेगी। जरूरत पड़ी तो सभी श्रमिक संगठन आंदोलन करेंगे।
ईआरएमसी के जोनल संगठन सचिव विध्याचल तिवारी ने कहा कि श्रमिक नीतियों के खिलाफ आंदोलन और हर मंच पर प्रतिवाद किया जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार की सुनने की शक्ति कम हो गई है। इसका ज्वलंत उदाहरण किसान आंदोलन है। किसान कड़ाके की ठंड में दो माह से सड़कों पर बैठे हैं, मगर उनकी मांगों पर पहल नहीं हो रही है। केंद्र सरकार को रेलवे का निजीकरण नहीं करना चाहिए। रेलवे देश की धरोहर है। इसे बचाकर रखना चाहिए। ईआरएमसी रेलवे को निजीकरण से बचाने के लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रही है। मौके पर तपन साहा, राजेंद्र पांडेय, दीपांकर मिश्रा, रंजीत कुमार, संजीव मणि तिवारी, मंगल यादव, इंटक के मृणाल बोस, विनय शंकर सिंह, राजेश पासवान, संजय पासवान,धर्मेंद्र प्रसाद, जितेंद्र पंडित आदि मौजूद थे। ----------------------------------- राजेंद्र बने ईआरएमसी के शाखा अध्यक्ष
सभा में संगठन का पुनर्गठन चुनाव पर्यवेक्षक सह जोनल संगठन सचिव विध्याचल तिवारी व जोनल सभापति विनोद शर्मा की देखरेख में हुआ। सर्वसम्मति से शाखा अध्यक्ष राजेंद्र पांडेय, कार्यकारी अध्यक्ष राजीव रंजन तिवारी, रंजीत कुमार, उपाध्यक्ष मदन लाल, शंकर प्रसाद, एसके समसुद्दीन, शाखा सचिव पुलक रॉय, संयुक्त सचिव मनोज कुमार तांती, सहसचिव संजीव शेखर व बीके चंचल, संगठन सचिव आदया मिसिर व संजू कुमार और कोषाध्यक्ष आरएन वर्मा को बनाया गया।