फोटो संशोधित: लिट्टीपाड़ा में उम् के साथ शुरू हुआ सोहराय
21 जनवरी को सकरात के साथ होगा समापन - 18 जनवरी को मांझी विजय मरांडी स्टेडियम में लगेगा सोहराय मेला अ संसूलिट्टीपाड़ा(पाकुड़)संथाल परगना में आदिवासियों का सबसे बड़ा पर्व सोहराय उम् के साथ
संसू,लिट्टीपाड़ा(पाकुड़):संथाल परगना में आदिवासियों का सबसे बड़ा पर्व सोहराय उम् के साथ बुधवार को शुरू हुआ। जो एक सप्ताह तक चलेगा। जिसमें संथाल आदिवासी की अपनी परम्परा व संस्कृति झलकती है। जिसे बधना पर्व भी कहा जाता है। मांझी विजय मरांडी स्टेडियम में 18 जनवरी को सोहराय मेला का आयोजन स्थानीय सोहराय कमिटी द्वारा किया जाएगा।
कमिटी के अध्यक्ष सह पूर्व मुखिया शिव टुडू ने बताया कि सोहराय मेला में रंगारंग आदिवासी व भोजपुरी आर्केस्ट्रा का आयोजन किया गया है। साथ ही सोहराय नृत्य व पहाड़िया नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि संथाल आदिवासी का साल भर में 12 पर्व होता है जिसमें सोहराय सबसे बड़ा पर्व है। इस पर्व को मनाने के पूर्व ग्राम प्रधान के निर्देश पर गुडित ग्रामीण की बैठक बुलाता है जहां पर्व की तिथि तय होती है। ततपश्चात गांव के सभी परिवार के लोग अपने अपने संगे संबंधियों को पर्व का निमंत्रण देते हैं। घरों की रंगाई पोताई करते हैं। साथ ही परिवार के मुखिया घर के सभी सदस्यों के लिए नये नये वस्त्र खरीदते हैं। शिव टुडू ने बताया कि यह पर्व धान कटनी के पश्चात अनाज का घर में आगमन के बाद मनाया जाता है। उन्होंने बताया की सोहराय पर्व एक सप्ताह तक चलता है पहला दिन उम, दूसरा दिन 16 जनवरी को दका, तीसरा दिन 17 जनवरी को खूंटोव, चौथा दिन 18 जनवरी को जाली सह सोहराय मेला, पांचवा दिन 19 जनवरी को हाकु कटकम ,छटा दिन 20 जनवरी को आराम व सप्तमी 21 जनवरी को सकारात् मनाया जाएगा। लगातार सात दिन तक मांदर की थाप पर आए हुए संगे संबंधी मिलकर ग्रामीणों के साथ नृत्य गीत में दिन रात झूमते रहेंगे।