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अध्यात्मिक ज्ञान से ही मोक्ष की प्राप्ति : स्वामी चतुरानंद

पाकुड़ ज्ञान दो प्रकार के होते हैं। एक भौतिक दूसरा अध्यात्मिक। भौतिक ज्ञान पेट भरने के ि

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 07:25 AM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 07:25 AM (IST)
अध्यात्मिक ज्ञान से ही मोक्ष की प्राप्ति : स्वामी चतुरानंद
अध्यात्मिक ज्ञान से ही मोक्ष की प्राप्ति : स्वामी चतुरानंद

पाकुड़ : ज्ञान दो प्रकार के होते हैं। एक भौतिक दूसरा अध्यात्मिक। भौतिक ज्ञान पेट भरने के लिए होता है जबकि अध्यात्मिक ज्ञान मोक्ष प्राप्त करने के लिए होता है। यह बातें

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शहर के प्यादापुर में संतमत सत्संग की ओर से आयोजित दो दिवसीय अधिवेशन में शुक्रवार को

मनियारपुर आश्रम बिहार से पहुंचे अखिल भारतीय संतमत के आचार्य स्वामी चतुरानंद महाराज ने कही।

उन्होंने कहा कि पंच भूतों का ज्ञान भौतिक ज्ञान कहलाता है। वहीं आत्मा का ज्ञान अध्यात्म का ज्ञान कहलाता है। भौतिक ज्ञान हमें नुकसान पहुंचाने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि सोच समझकर बोलना चाहिए। बिना सोचे बोलने पर इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ता है। स्वामी जी ने श्रीमद्भागवत गीता के कई प्रसंगों का उदाहरण देते हुए कहा कि अध्यात्म ज्ञान की ओर बढ़ने का प्रयास करना चाहिए ।

वही मौके पर मौजूद शिवानंद महाराज, प्रेमानंद महाराज, हरिहर महाराज ने योग के महत्व की जानकारी दी। महात्माओं ने बताया कि योग के बिना ज्ञान अधूरा है और ज्ञान के बिना योग अधूरा है। स्वामीजी ने कहा कि मनुष्य के आंख के ऊपर का भाग ब्रह्मांड तथा आंख के नीचे वाले भाग को पिड कहते हैं। पिड के नीचे का ज्ञान भौतिक ज्ञान है और यह ज्ञान जीवित रहने के लिए काम आता है। जबकि आंख के ऊपर का ज्ञान ब्राह्मांड का ज्ञान कहलाता है। ब्राह्मांड का ज्ञान संसार से जाने के बाद काम आता है। कहा कि हमारे शरीर में ही देवता का निवास होता है हमें अपने शरीर में ही देवता को खोजना होगा। प्रवचन सुनने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी।। दर्जनों लोगों ने दीक्षा ग्रहण किया। सत्संग को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष विभाष मिश्रा, सचिव शशीकांत चौबे, कोषाध्यक्ष दिवाकांत मंडल,रमेश अग्रवाल, राजीव रंजन यादव आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।


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