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महेशपुर लैम्पस के तत्कालीन सचिव पर 73 लाख गबन की प्राथमिकी

महेशपुर (पाकुड़) जिले के महेशपुर लैम्पस के तत्कालीन सदस्य सचिव अनंत कुमार रविदास ने र

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 09:55 AM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 06:34 AM (IST)
महेशपुर लैम्पस के तत्कालीन सचिव पर 73 लाख गबन की प्राथमिकी
महेशपुर लैम्पस के तत्कालीन सचिव पर 73 लाख गबन की प्राथमिकी

महेशपुर (पाकुड़) : जिले के महेशपुर लैम्पस के तत्कालीन सदस्य सचिव अनंत कुमार रविदास ने राईस फेलो योजना की 73.47 लाख रुपये गबन कर ली। सहकारिता प्रसार पदाधिकारी लक्ष्मीपति भगत ने बुधवार को सदस्य सचिव के खिलाफ वित्तीय अनियमितता, उर्वरक की कालाबजारी करने तथा सरकारी काम में बाधा डालने की प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी दर्ज करने के पूर्व ही सदस्य सचिव फरार हो गए हैं।

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सहकारिता प्रसार पदाधिकारी लक्ष्मीपति भगत ने बताया कि महेशपुर लैम्पस के तत्कालीन सदस्य सचिव अनंत कुमार रविदास द्वारा वित्तीय अनियमितता करने की शिकायत मिली थी। मामले की जांच के लिए संयुक्त जांच टीम का गठन किया गया। टीम जांच के लिए 5 फरवरी 2019 को महेशपुर लैम्पस पहुंची। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा वर्ष 2016-17 में राईस फेलो योजना के तहत कुल 73,47,276 रुपये वृहत बहुउद्देशीय सरकारी समिति यानि लैम्पस में हस्तांतरित किया गया था। तत्कालीन सदस्य सचिव किसानों के बीच प्रोत्साहन राशि का वितरण कर चुके हैं। जांच टीम ने जब वितरित राशि की जांच एवं सत्यापन के लिए अभिलेखों व कागजातों की मांग की तो तत्कालीन सदस्य सचिव ने अभिलेख व कागजात उपलब्ध कराने से साफ इंकार कर दिया। संयुक्त जांच टीम पुन: 6 फरवरी 2019 को जांच के लिए महेशपुर लैम्पस पहुंची। तत्कालीन सदस्य सचिव ने बताया कि वह अपने पद से त्याग पत्र दे चुके हैं। इसलिए कार्यालय खोलने में असमर्थ हैं।

उर्वरक की कालाबजारी

महेशपुर लैम्पस को सिर्फ इफको उर्वरक क्रय करने की अनुज्ञप्ति प्राप्त है। वर्ष 2018-19 में इफको से ऑनलाइन डाटा के अनुरुप 95.4 एमटी डीएवी क्रय किया गया है। जबकि जांच दल ने पाया कि 124.9 एमटी का क्रय लैम्पस पंजी में दर्शाया गया है जो घोर विसंगति है। इफको ऑनलाइन डाटा के अनुसार वर्ष 2017-18 में तत्कालीन सदस्य सचिव अनंत कुमार रविदास द्वारा 83.0 एमटी यूरिया एवं 101.2 एमटी डीएवी क्रय किया गया है। लेकिन अनंत कुमार रविदास द्वारा उर्वरक पंजी में इसे संधारित नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि विक्रय गुप्त रुप से कर उर्वरक की कालाबजारी किया गया है। संयुक्त जांच दल के जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख है कि वर्ष 2018-19 में तत्कालीन सदस्य सचिव द्वारा लैम्पस के कार्यकारिणी से प्रस्ताव पारित कराकर टैगोर सोसाइटी फॉर रुरल डेवलपमेंट से 34.72 लाख रुपये अमानत राशि लेकर उसे उर्वरक के रुप में लौटाने का निर्णय लिया गया है।

चार टीम ने की थी मामले की जांच

सरकारी राशि गबन का मामला सामने आने के बाद मामले की जांच के लिए चार टीम बनाई गई थी। इसमें प्रथम जांच टीम में बीसीओ लक्ष्मीपति भगत सहित अन्य सदस्य शामिल थे। दूसरी टीम में पंचायत सचिव सेतु राय, स्वयंसेवक सौरव कुमार दत्ता, कंप्यूटर ऑपरेटर बच्चन कुमार मिर्धा शामिल थे। तृतीय टीम में डीपीओ रिजवान फारुकी, पंचायत सचिव सुकुमार ठाकुर, वीएलडब्ल्यू जगजीत कुमार भद्र तथा कंप्यूटर ऑपरेटर चिरंजीत कुमार शामिल थे। चौथी टीम में बीपीओ मानिक दास, पंचायत सचिव प्रीतम कुमार तुरी, कंप्यूटर ऑपरेटर रतन कुमार माल व महेन्द्र सील शामिल थे।

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वर्जन..्रमामले की जांच चल रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरु की जाएगी।

शशि प्रकाश, एसडीपीओ

महेशपुर, पाकुड़


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