रेलवे का निजीकरण रोकने में ईआरएमयू ने मांगा सहयोग
ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के 14वें द्विवार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को रेलवे मैदान में प्रतिनिधि सत्र का शुभारंभ हुआ। सत्र में केंद्रीय महामंत्री सूर्येदु कुमार बंदोपाध्याय एवं केंद्रीय कोषाध्यक्ष दिलीप कुमार दत्ता ने संगठनात्मक लेखा-जोखा का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
संवाद सहयोगी, पाकुड़: ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के 14वें द्विवार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को रेलवे मैदान में प्रतिनिधि सत्र का शुभारंभ हुआ। सत्र में केंद्रीय महामंत्री सूर्येदु कुमार बंदोपाध्याय एवं केंद्रीय कोषाध्यक्ष दिलीप कुमार दत्ता ने संगठनात्मक लेखा-जोखा का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रस्तुत किये गए प्रतिवेदन पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। सभा में उपस्थित यूनियन के सभी प्रतिनिधियों ने केंद्रीय महामंत्री एवं केंद्रीय कोषाध्यक्ष के प्रतिवेदन का समर्थन करते हुए उसे पास किया। उसके उपरांत रेल के निजीकरण के विरोध में प्रस्ताव लाया गया।
रेलवे निजीकरण का विरोध करते हुए वक्ताओं ने कहा कि यदि रेल का निजीकरण होता है तो यह सिर्फ रेल कर्मचारियों के विरुद्ध ही नहीं, बल्कि भारतवर्ष की जनता के खिलाफ कदम होगा। रेलवे को निजी हाथों में सौंपने से रेलवे का किराया बढ़ जाएगा। यूनियन के केंद्रीय नेता चपला बनर्जी ने कहा कि रेल कर्मचारियों को मजदूरी एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान ना करते हुए उनका शोषण किया जाएगा। ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन ने सहयोग की अपील की, ताकि सरकार की जनविरोधी नीतियों को रोका जा सके।
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सूर्येदु बने ईआरएमयू के केंद्रीय अध्यक्ष: शुक्रवार को वर्ष 2019-21 के लिए यूनियन की नई केंद्रीय कार्यसमिति की घोषणा केंद्रीय अध्यक्ष सूर्येदु कुमार बंदोपाध्याय ने किया। सर्वसम्मति से दिलीप दत्ता चौधरी को केंद्रीय अध्यक्ष, सुधीर राय को केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, सत्यजीत कुमार, प्रवीर भट्टाचार्य, मनोहर साव मंडल व माला विश्वास को केंद्रीय उपाध्यक्ष, अमित कुमार घोष केंद्रीय महामंत्री, शुभ आशीष राय संयुक्त महामंत्री, असीम कुमार घोष, प्रिया नाथ राय, विकास चंद्रपाल, अशोक गुहा केन्द्रीय सह महामंत्री, अरुण कुमार भट्टाचार्य, अमित कुमार वर्मा, विप्लव नेही, अंबर दत्ता, सुकुमार पांडेय, राजेन्द्र प्रसाद को केंद्रीय संगठन मंत्री, एमकेपी सिंह केंद्रीय कोषाध्यक्ष, सुब्रतो चक्रवर्ती और क्षेत्रीय सचिव का सर्वसम्मति से चयन किया गया।
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इनका रहा सहयोग: सम्मेलन को सफल बनाने में अखिलेश कुमार चौबे, संजय कुमार ओझा, सुकुमार पांडेय, फजले रहमान, पिटू लाल पटेल, अमर कुमार मल्होत्रा, विक्टर विजय जेम्स, अरुण कुमार साह, भागवत प्रसाद शर्मा, गुलाम मोईनुद्दीन, सोमन घोष, रामकुमार यादव, दीपक प्रमाणिक, जयशंकर प्रसाद, गौरव कुमार, विक्रम भारती, धर्मचंद सोनी, गुंजन कुमार, हीरालाल पासवान ने सक्रिय भूमिका निभाई।