Lok Sabha Polls 2019: बिना किसी सुरक्षा के खदानों में कार्य करते हैं यहां के मजदूर
Lok Sabha Polls 2019. लोहरदगा में बॉक्साइट व्यवसाय पत्थर व्यवसाय बालू का कारोबार ईंट-भ_ा आदि में बिना किसी सुरक्षा साधन के यहां के मजदूर काम कर रहे हैं।
लोहरदगा, [राकेश कुमार सिन्हा]। लोहरदगा में मजदूर वर्ग पेट की जलती आग में झुलसने को विवश है। बॉक्साइट व्यवसाय, पत्थर व्यवसाय, बालू का कारोबार, ईंट-भ_ा आदि में बिना किसी सुरक्षा साधन के यहां के मजदूर काम कर रहे हैं। ऐसे खतरनाक कार्य से जुड़े मजदूरों को सुरक्षा के नाम पर कोई सुविधा नहीं दी जाती है।
इन मजदूरों की पीड़ा चुनावी मुद्दा नहीं बन पाती। लोहरदगा जिले में एक लाख से च्यादा परिवार मजदूर की श्रेणी में आते हैं। इन परिवारों के पास रोजगार के नाम पर दैनिक मजदूरी से च्यादा कुछ भी नहीं है। पेट की आग बुझाने के लिए खदान और भ_ों में काम करना इनकी मजबूरी है।
बिना किसी सुरक्षा उपकरण के कार्य कर अपना पेट पालते हैं। कोई दुर्घटना हो जाए तो इनके परिवार को कोई देखने वाला भी नहीं होता। लोहरदगा जिले में हाल के वर्षों इन खदानों में कई ऐसी दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें मजदूरों की जान चली।
इन मजदूरों की समस्या को दूर करने को लेकर राजनीतिक दलों में कोई प्रतिबद्धता नजर नहीं आती है। मजदूर वर्ग अपना वोट तो किसी ना किसी प्रत्याशी को दे देता है, पर उस वोट के बदले कोई सपना नहीं देख पाता। लोहरदगा जैसे पिछड़े जिले में मजदूरों की दशा बेहद खराब है।
मजदूरों की समस्या को लेकर राजनीतिक शून्यता की स्थिति दिखाई देती है। कुल मिलाकर देखा जाए तो आजादी के बाद 70 सालों में मजदूरों की दशा सुधारने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं हुई। विशेषकर मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए।