बाल संसद के किचन गार्डन में खूब निकल रही मेहनत की फसल
लोहरदगा में किचेन गार्ड में उग रही सब्जी
संवाद सहयोगी, लोहरदगा : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक सपना देखा था। एक ऐसे स्कूल का जिसमें सिर्फ किताबी शिक्षा ना दी जाए, बल्कि विद्यार्थियों को सामाजिक और दैनिक जीवन में उनके उपयोग में आने वाली शिक्षा का भी अहम योगदान हो। इसी सपने को साकार करने को लेकर बुनियादी विद्यालय की स्थापना की गई थी। वर्तमान में बुनियादी विद्यालय भी महज किताबी शिक्षा पर केंद्रित रह गया है, इसके बाद भी कुछ एक ऐसे विद्यालय हैं, जो आज महात्मा गांधी के सपने को साकार करते नजर आ रहे हैं।
लोहरदगा के राजकीयकृत मध्य विद्यालय नवाड़ीपाड़ा में बाल संसद के सदस्यों ने अपनी मेहनत से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को साकार करने का प्रयास किया है। बाल संसद के किचन गार्डन में आज जो फसल पैदा हो रही है, वह विद्यार्थियों की लगन, उनकी सोच और शिक्षकों के मार्गदर्शन का नतीजा है। छोटे से किचन गार्डन में मेथी का साग, धनिया पत्ता, कोहड़ा आदि फसल पैदा हो रही है। इसी फसल से मध्याह्न भोजन तैयार किया जा रहा है। खुद की मेहनत से तैयार फसल का स्वाद भी विद्यार्थियों को खूब भा रहा है।
विद्यार्थियों को सामाजिक जीवन में आत्मनिर्भर बनाने को लेकर विद्यालय परिवार की ओर से की गई इस पहल की हर कोई प्रशंसा करता है। विद्यालय परिसर में छोटे से किचन गार्डन के माध्यम से सब्जियां उत्पादित कर मध्याह्न भोजन में उपयोग में लाया जाता है। जिससे विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास हो सके। शरीर के लिए आवश्यक विटामिन, प्रोटीन, कैल्सियम, आयरन आदि की पूर्ति यहां के किचन गार्डन के माध्यम से ही हो सके। सोशल मीडिया पर इस विद्यालय के विद्यार्थियों का यह कारनामा काफी तेजी से वायरल भी हो रहा है। जिसे लोग पसंद कर रहे हैं।