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झारखंड से मेडिकल की पढ़ाई करने वालों को यहीं देनी होगी सेवा

झारखंड से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले चिकित्सकों को यहीं पर अपनी सेवा देनी होगी। ऐसा नहीं करने वाले चिकित्सकों को 30 लाख का जुर्माना भरना होगा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 11:16 AM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 12:30 PM (IST)
झारखंड से मेडिकल की पढ़ाई करने वालों को यहीं देनी होगी सेवा
झारखंड से मेडिकल की पढ़ाई करने वालों को यहीं देनी होगी सेवा

जागरण संवाददाता, लोहरदगा। झारखंड से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले चिकित्सकों को यहीं पर अपनी सेवा देनी होगी। ऐसा नहीं करने वाले चिकित्सकों को 30 लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। राज्य सरकार अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। यह बातें शनिवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कही।

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स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने शनिवार को कुडू प्रखंड मुख्यालय में निर्माणाधीन 100 शैय्या वाले अस्पताल भवन का निरीक्षण किया। इस क्रम में मंत्री ने पूरे भवन का निरीक्षण कर अधूरे भवन निर्माण की स्थिति की समीक्षा की। मंत्री ने निरीक्षण के दौरान अधूरे पड़े अस्पताल भवन के निर्माण की प्रगति का घूम-घूम कर जायजा लिया। अस्पताल भवन निर्माण की अवधि व राशि की भी जानकारी ली। उन्होंने इतने वर्षों तक भवन निर्माण कार्य अधूरा करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए एक माह के अंदर अस्पताल भवन के अधूरे निर्माण कार्य को शुरू कर गति देकर 6 माह के अंदर ही निर्माण कार्य पूरा कराने की दिशा में आवश्यक निर्देश दिए।

मंत्री ने कहा कि अस्पताल भवन का निर्माण कार्य अधूरा रहने में जो भी लोग जिम्मेवार हैं उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध करवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सबसे पहले पूर्व से बन रहे अस्पतालों को पूर्ण करने के बाद ही नए अस्पताल भवन बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में आठ मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल खुलेंगे। चिकित्सकों की कमी भी शीघ्र ही दूर हो जाएगी।

बता दें कि अस्पताल का निर्माण कार्य राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 3.18 करोड़ की लागत से करीब नौ वर्ष पहले शुरू किया गया था। इस 100 शैय्या वाले अस्पताल का काम पूरा होने से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया होती, पर अस्पताल भवन निर्माण कार्य पर ऐसा ग्रहण लगा कि नौ वर्षों के लंबे समय बीत जाने के बाद भी आज तक भवन अधूरा पड़ा हुआ है।


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