निभाई गई परंपरा, सांकेतिक रूप से किया गया रावण दहन
लोहरदगा जिले में विजयादशमी के मौके पर सोमवार को लोगों ने पर
जागरण संवाददाता, लोहरदगा : लोहरदगा जिले में विजयादशमी के मौके पर सोमवार को लोगों ने परंपरा का निर्वहन करते हुए सांकेतिक रूप से रावण दहन किया इस बार राज्य सरकार ने मेला का आयोजन नहीं करने और रावण दहन कार्यक्रम पूर्व की वर्षों की तरह नहीं करने का निर्देश दिया था। इसके बाद केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति की ओर से सांकेतिक रूप से शहर के बक्सीडीपा में एक निजी जमीन में कुछ लोगों की मौजूदगी में रावण दहन किया गया। यहां पर केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति के संरक्षक, पदाधिकारी और सदस्यों के साथ कुछ गणमान्य लोग ही मौजूद रहे। इसके अलावे शहर के अलग-अलग स्थानों में आम लोगों सांकेतिक रूप से द्वारा रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन ैकिया गया। लोगों ने कहा कि विजयादशमी के उपरांत रावण दहन हमारी संस्कृति और परंपरा में शामिल रही है। ऐसे में हम इस बार ना तो मेला का आयोजन कर रहे हैं और ना ही बृहद रूप से रावण दहन कार्यक्रम ही आयोजित किया जा रहा है। हम मात्र परंपरा का निर्वहन करते हुए रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। रावण दहन कार्यक्रम को लेकर छोटे-छोटे बच्चे भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता का रूप धरे हुए थे। भगवान श्रीराम द्वारा रावण के प्रतीकात्मक पुतले पर तीर चला कर रावण दहन कार्यक्रम कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। रावण के जलने के साथ ही असत्य पर सत्य की जीत का जयकारा लगा। लोगों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सहयोग के लिए आभार जताया। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का पूरी तरह से ख्याल रखा गया था। रावण दहन कार्यक्रम में शामिल लोगों ने मास्क और सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा था। रावण दहन कार्यक्रम को लेकर मेला का आयोजन नहीं करने से लोग निराश नजर आए। हालांकि लोगों ने इस बात को समझा की भीड़ नहीं लगाने को लेकर सरकार का निर्देश उनकी भलाई के लिए ही है। रावण दहन कार्यक्रम में पूजा समितियों को भी इस बार आमंत्रित नहीं किया गया था।