कार्य संस्कृति में बदलाव में बदलाव लेकर आया लाकडाउन
संवाद सहयोगी गढ़वा कोरोना महामारी ने लोगों के जीवन में कई बदलाव लाए हैं। इस दौरान लोग
संवाद सहयोगी, गढ़वा : कोरोना महामारी ने लोगों के जीवन में कई बदलाव लाए हैं। इस दौरान लोगों की कार्यसंस्कृति में आमूल चूल परिवर्तन देने को मिला। कोरोना महामारी के कारण लगे लाकडाउन ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। इसमें जीवन जैसे ठहर सा गया था। लोगों के घर ही आफिस में तब्दील हो गए थे। वर्क फ्रोम होम के कारण लोगों ने घर के एक हिस्से में वर्चुअल ऑफिस जैसा माहौल तैयार कर लिया। बाहर न निकल पाने की बंदिशों के बीच अपने छोटे से फ्लैट व घर में लोग कैद हो गए थे। परिवार के साथ रहने का मौका मिला तो घर का माहौल भी खुशनुमा हो गया। लोगों के दैनिक कार्यों में भी बदलाव देखने को मिला। सुबह समय से उठना, सुबह होकर कसरत करना, गर्म पानी में नींबू डालकर पीना, समय से नाश्ता, समय से भोजन तथा घर से ही आफिस के कार्यो का निपटारा करना लोगों ने सीखा। लाकडाउन ने लोगों को बहुत कुछ सिखाया। स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। जिसका आज भी लोग अनुशरण कर रहें हैं। लाकडाउन की यादों को ताजा करते हुए शिक्षक सुशील कुमार बताते हैं कि कोरोना महामारी ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। इस दौरान हमारी कार्यसंस्कृति में बदलाव देखने को मिला। अच्छी आदतों को आज भी हम अपनाएं हुए हैं। जबकि बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक रेयाज अहमद का कहना है कि कोरोना महामारी ने भले ही हमें घरों में कैद कर दिया था। मगर इससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। खासकर लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता देखने को मिली। इसने हमें नियमित जीवनशैली जीने को सिखाया। जिसका हम आज भी अनुपालन कर रहें हैं। अधिवक्ता परेश कुमार तिवारी का कहना है कि लाकडाउन ने आनलाइन व वर्क फ्रोम होम की कार्यसंस्कृति को विकसित किया। घर के एक कोने में ही आफिस चलने लगा। कोर्ट कचहरी जाने का झंझट समाप्त हो गया था। इस दौरान हममें बहुत से अच्छी आदतें आई जिसका पालन अभी भी कर रहें हैं। जबकि एलआईसी के विकास अधिकारी वीरेंद्र तिवारी का कहना है कि लाकडाउन के कारण सभी लोग घरों में कैद हो गए थे। कोरोना ने मास्क के इस्तेमाल, हैंडवाश, हैंडसैनिटाइजर आदि के इस्तेमाल के बारे में सिखाया। साथ ही घर पर रहकर काम करने की संस्कृति भी विकसित हुई। वर्क फ्रोम होम की संस्कृति ने हमें बहुत कुछ सीखने का मौका दिया। लाकडाउन के कार्य हमेंशा याद रहेंगे। इसे भुलाया नहीं जा सकता है।