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भाई-बहन के प्यार का त्योहार है रक्षा बंधन : डीएसई

मध्य विद्यालय नवाड़ी पाड़ा में रक्षा बंधन उत्सव मनाया गया

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2022 09:26 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2022 09:26 PM (IST)
भाई-बहन के प्यार का त्योहार है रक्षा बंधन : डीएसई
भाई-बहन के प्यार का त्योहार है रक्षा बंधन : डीएसई

भाई-बहन के प्यार का त्योहार है रक्षा बंधन : डीएसई

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जागरण संवाददाता, लोहरदगा : राजकीयकृत मध्य विद्यालय नवाड़ी पाड़ा लोहरदगा में बुधवार को रक्षा बंधन उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधीक्षक अपरूपा पाल चौधरी को विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक रीति रिवाज के साथ तिलक लगाकर एवं कुडूख गीत के साथ स्वागत किया। साथ हीं सभी आगत अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट किया। मौके पर डीएसई अपरूपा पाल चौधरी ने कहा कि रक्षा बंधन भाई-बहन के प्यार का त्योहार है। इसे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। विद्यालय परिवार ने रक्षा बंधन उत्सव मनाकर छोटे-छोटे बच्चों में संस्कार भरने का कार्य किया है। बच्चों में त्योहार के प्रति रुचि देखने को मिल रहा है इससे सामाजिकता का विकास होगा। हमारा देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है, हम अपने देश की आन बान और शान तिरंगा का सम्मान करें और राष्ट्र निर्माण में सहयोग करें। विद्यालय परिवार अपने उत्कृष्ट क्रिया कलाप से विद्यालय का मान बढ़ाया है, विद्यालय ने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार जीतकर हमें गौरवान्वित किया है। एडीपीओ अम्बुजय कुमार पांडेय ने कहा कि रक्षा बंधन त्योहार का महत्व काफी पुराना है। महाभारत काल में जब द्रोपदी का चीर हरण होना था तब उन्होंने प्रार्थना करते हुए श्रीकृष्ण से कहीं की मेरी लाज रखो मेरी रक्षा करो मेरे भाई। श्रीकृष्ण ने बहन द्रोपदी की रक्षा किया। इस कहानी से हम सभी को सीख लेने की आवश्यकता है। हमें अपने बहनों की रक्षा के लिए आगे बढ़ने की आवश्यकता है। इस अवसर पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी निर्मला लता ने कहा कि विद्यालय के बच्चे काफी अनुशासित हैं इनके सांस्कृतिक कार्यक्रम में नृत्य प्रस्तुति काफी बढ़िया देखने को मिला। सभी बच्चे अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से हम सभी का मन जीत लिया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरुण राम ने कहा कि विद्यालय में हर त्योहार को मनाया जाता है। इसके कारण बच्चे त्योहार के महत्व को जानते हैं।उनमे संस्कार का सृजन होता है। गीत संगीत के माध्यम से भी बच्चों में बौद्धिक विकास होता है। इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन से अतिथियों के विचारों को सुनने का अवसर मिलता है। बच्चों के नेतृत्व क्षमता के विकास में सार्थक सिद्ध होता है। उन्होंने डीएसई को विद्यालय की मुख्य समस्या वर्ग कक्ष की कमी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आग्रह किया कि विद्यालय में अच्छी पठन-पाठन के कारण नामांकन दर में वृद्धि हुई है बच्चों को बैठाने के लिए वर्क कमरा की कमी हो गई है। ऐसे में नया कमरा उपलब्ध कराया जाए। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप कुमार ने किया। मौके पर प्रदीप कुमार, नेमहन्ति मिंज, सुमित्रा टोप्पो, मनीष कुमार, सुमन देवी, पुष्पा देवी, किरण देवी, पवन कुमार साहू, संकुल साधन सेवी नीलू गोयल, हरि उरांव एवं अन्य लोग सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।


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