लोहरदगा में कड़ाके की सर्दी ने किया बेहाल
लोहरदगा जिले में ठंड का सितम बढ़ता ही जा रहा है।
जागरण संवाददाता, लोहरदगा : लोहरदगा जिले में ठंड का सितम बढ़ता ही जा रहा है। कड़ाके की सर्दी ने जनजीवन को बेहाल कर दिया है। ठंड की वजह से मौसमी बीमारियां भी बढ़ चुकी है। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए इस ठंड से बच पाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। लोग अलाव और गर्म कपड़ों के सहारे ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। लोहरदगा जिले में सोमवार को अधिकतम तापमान 24.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। ठंड बढ़ने की वजह से लोग इससे बचने को लेकर अपनी ओर से भरपूर कोशिश कर रहे हैं। लोग हीटर, गीजर आदि का उपयोग भी कर रहे हैं। साथ ही सूप पीकर अपने शरीर को गर्मी देने की कोशिश कर रहे हैं। ठंड से बचाव को लेकर कंबल वितरण की प्रक्रिया भी जोर पकड़ चुकी है। जिला प्रशासन के अलावा राजनीतिक और सामाजिक संगठनों द्वारा भी लगातार कंबल वितरण किया जा रहा है। पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड ज्यादा कर कहर बरपा रहा है। छोटे बच्चों, बीमार लोगों, मजदूर वर्ग और सांस संबंधी रोग से परेशान लोगों के लिए यह ठंड किसी परेशानी से कम नहीं है। कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक प्राथमिक और मध्य विद्यालयों को नहीं खोले जाने की वजह से बच्चों को थोड़ी राहत मिली है। ठंड बढ़ने के साथ ही बाजार व्यवस्था पर भी इसका असर दिखाई दे रहा है। बाजारों में काफी कम संख्या में लोग नजर आ रहे हैं। ठंड से बचाव को लेकर इलेक्ट्रानिक उपकरणों की मांग भी अचानक बढ़ गई है। गर्म कपड़ों की डिमांड में भी बढ़ोतरी हुई है।
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ठंड से बचाव को लेकर क्या कहते हैं चिकित्सक
सदर अस्पताल लोहरदगा के चिकित्सक डॉक्टर सुदामा प्रसाद का कहना है कि ठंड से बचाव को लेकर लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। लोग गर्म पानी का सेवन करें। ताजे फल का सेवन बेहतर होता है। बासी भोजन किसी भी स्थिति में ना करें। तली-भुनी हुई चीजों का सेवन ना करें। शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें। जो लोग अपने घर के कमरों में हीटर जलाकर रात भर सो जाते हैं, उनके लिए स्थिति बेहद चितनीय हो सकती है। हीटर कभी भी रात भर जलाकर नहीं सोना चाहिए। हीटर जलाने से हवा में आक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। जिससे सांस संबंधी परेशानी बढ़ सकती है। कई बार यह बेहद घातक हो जाता है। लोगों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों के साथ-साथ अलाव का भी सहारा लेना चाहिए। अलाव का सहारा लेते समय इस बात का ध्यान रखना है कि अलाव पर्याप्त दूरी में रहे। जिससे कि किसी प्रकार का नुकसान हमें ना पहुंचे। इसके अलावा छोटे बच्चों को ठंड से बचाने को लेकर सबसे अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। किसी व्यक्ति को यदि ठंड लगती है तो उसका रक्तचाप कम हो जाता है। साथ ही उसे घबराहट महसूस होगी। यदि इस प्रकार की परेशानी आती है तो तत्काल उसे गर्म कपड़ों से हुए उसके शरीर को गर्म करने की कोशिश करनी चाहिए। साथ ही तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। ठंड को किसी भी स्थिति में हल्के में ना लें।