लोक अदालत देता है शांति का पैगाम : पीडीजे
मेदिनीनगर : लोक अदालत शांति का पैगाम देता है। मुकदमे का बोझ कम करने का काम लोक अदालत करता है। उक्त
मेदिनीनगर : लोक अदालत शांति का पैगाम देता है। मुकदमे का बोझ कम करने का काम लोक अदालत करता है। उक्त बातें पलामू के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश विजय कुमार ने कही। वे शनिवार को व्यवहार न्यायालय में आयोजित लोक अदालत के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इसके पूर्व उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर लोक अदालत का उदघाटन किया। कहा कि लोक अदालत में पक्षकार सिर्फ अपने वाद विवाद का ही नहीं बल्कि पास पड़ोस के लोगों को भी मामले निस्तारण को ले प्रेरित करें। डीजे द्वितीय संजय कुमार उपाध्याय ने कहा कि न्यायपालिका का उद्देश्य कम समय में अधिक से अधिक मामले का निस्तारण करना है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक सतत प्रक्रिया है। आपसी वैमनस्य को भुलाकर लोग लोक अदालत में मामला निपटाते हैं। यहां न तो किसी की जीत होती है न हार। मौके पर प्राधिकार के सचिव प्रफुल्ल कुमार ने कहा कि आपसी सुलह से ही वैमनस्यता मिटाएं। एक स्वस्थ समाज व लोक कल्याणकारी समाज की स्थापना मे सभी की सहभागिता जरूरी है। लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर 68 मामले का निस्तारण किया गया। पीठ एक में एमएसीटी व विद्युत विभाग के चार, पीठ तीन में आपराधिक के 30, पीठ चार में प्रीलिटिगेशन के मामले का निस्तारण किया गया। पीठ पांच में एक्सक्यूटिव व रेवेन्यू के 22, पीठ छह में रेलवे के 12 मामले का निस्तारण किया गया। मौके पर डीजे पंकज कुमार, मनीष रंजन, संजय कुमार उपाध्याय, संजय कुमार चौधरी, विमलेश सहाय, विक्रांत रंजन, रोहित कुमार, मो. सफदर अली नैयर, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष गिरजा प्रसाद ¨सह, पीपी पुरूषोत्तम लाल समेत कई अधिवक्ता मौजूद थे।बाक्स..पीडीजे ने किया पीठों का निरीक्षणमेदिनीनगर : पीडीजे विजय कुमार ने लोक अदालत के लिए गठित सभी छह पीठों का निरीक्षण किया व आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने पीठासीन पदाधिकारियों से कहा कि मामले निस्तारण में लचीला रूख अपनाएं। कोई भी व्यक्ति लोक अदालत से उदास होकर नहीं लौटे। उन्होंने पक्षकारों को अधिक से अधिक मामले निस्तारण को कहा। बाक्स : मामले निपटारे के साथ मिला राजस्व मेदिनीनगर : लोक अदालत में उत्पाद विभाग को 24 वादों में 95 हजार 750 रूपए राजस्व की प्राप्ति हुई। वन विभाग को एक मामले में तीन हजार व विद्युत विभाग को 28 हजार तथा एमएसीटी के एक वाद में एक लाख रूपए राजस्व प्राप्त हुआ।