Lok Sabha Polls 2019: बदहाल लोहरदगा डेयरी के कायाकल्प की है जरूरत
Lok Sabha Polls 2019. लोहरदगा डेयरी की पहचान कभी दूध के कई उत्पादों के लिए रही है। आज लोहरदगा डेयरी बदहाली के आंसू बहा रहा है। डेयरी के कई दूध बूथ आज बंद हो चुके हैं।
लोहरदगा, [राकेश कुमार सिन्हा]। लोहरदगा डेयरी की पहचान कभी दूध के कई उत्पादों के लिए रही है। आज लोहरदगा डेयरी बदहाली के आंसू बहा रहा है। लोहरदगा डेयरी के कई दूध बूथ आज बंद हो चुके हैं। इसकी वजह से इन दूध बूथ के माध्यम से रोजगार करने वाले युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। लोहरदगा डेयरी आज से 10 साल पूर्व लोगों के लिए रोजगार का एक माध्यम था।
जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से गो-पालक के माध्यम से दूध इक_ा कर लोहरदगा डेयरी में संग्रहित किया जाता था। यहां पर पनीर, पेड़ा, खोवा सहित अन्य उत्पाद तैयार किए जाते थे। यहां पर आइसक्रीम तैयार करने की मशीन भी लगी हुई थी। उपेक्षा और देखरेख के अभाव में आज सारी मशीनें बेकार पड़ी हुई हैं। इसकी वजह से लोहरदगा डेयरी आज दूध संग्रहण केंद्र बनकर रह गया है।
लोहरदगा डेयरी को वर्तमान में केंद्रीय कृत इकाई के हवाले किया जा चुका है। इसकी वजह से अब यहां पर किसी प्रकार के उत्पाद तैयार नहीं होते हैं। डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से ही अब डेयरी का संचालन हो रहा है। इसके प्रति किसी भी राजनीतिक दल ने गंभीरता ने दिखाई। इसकी वजह से इसे चुनावी मुद्दा नहीं बनाया जा सका। प्रशासनिक और राजनीतिक उपेक्षा के कारण लोहरदगा डेयरी गुमनामी के अंधेरे में है।
भले ही डेयरी के माध्यम से दूध का संग्रहण हो रहा है, पर इसे जो पहचान मिलनी चाहिए थी या इसकी जो वास्तविक स्थिति होनी चाहिए थी वह आज नहीं है। एक बड़े परिसर में संचालित लोहरदगा डेयरी पर यदि आज भी ध्यान दिया जाए तो यह दुग्ध उत्पादों के जरिये एक मुकाम पा सकता है। राजनीतिक दल इसके कायाकल्प के लिए इच्छाशक्ति दिखाएं तो इससे यहां के लोगों का जीवन संवर सकता है।