Lok Sabha Polls 2019: यहां भारतीय जनसंघ को पहली जीत के लिए करना पड़ा था 15 साल का इंतजार
Lok Sabha Polls 2019. लोहरदगा में भारतीय जनसंघ पार्टी के लिए कई यादगार लम्हा रहा है। इनमें से एक है भारतीय जनसंघ का पहला प्रत्याशी और दूसरा जनसंघ को मिली पहली जीत।
लोहरदगा, [राकेश कुमार सिन्हा]। लोहरदगा लोकसभा का चुनाव कई बातों के लिए यादगार है। यहां पर मतदाताओं को इतिहास के कई महत्वपूर्ण तथ्य हमेशा याद आते रहते हैं। लोहरदगा में यूं तो कई राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ा है। यहां का चुनाव राजनीतिक दलों के लिए उनके इतिहास को याद रखने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। लोहरदगा में भारतीय जनसंघ पार्टी के लिए भी कई यादगार लम्हा रहा है।
इनमें से एक है लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनसंघ का पहला प्रत्याशी और दूसरा भारतीय जनसंघ को मिली पहली जीत। लोहरदगा में वर्ष 1962 में भारतीय जनसंघ ने अपना पहला प्रत्याशी उतारा था। जबकि वर्ष 1977 में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी को पहली बार जीत मिली थी। पहली जीत के लिए भारतीय जनसंघ को लोहरदगा में 15 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा था।
1962 में भारतीय जनसंघ के टिकट पर पहली बार लोहरदगा लोकसभा सीट पर इग्नेश बेक चुनाव मैदान में थे। तब भारतीय जनसंघ का चुनाव चिह्न हलधर किसान था। उस समय इग्नेश बेक को मात्र आठ प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। इस चुनाव में डेेविड मुंजनी को जीत मिली थी। उन्हें 15 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के कार्तिक उरांव इस चुनाव में 11 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे नंबर पर थे।
वर्ष 1977 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के टिकट पर लालू उरांव चुनाव मैदान में थे। उन्होंने 25 प्रतिशत वोट ला कर चुनाव जीत लिया था। कांग्रेस के कार्तिक उरांव को 13 प्रतिशत वोट लाकर दूसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा था। बाद में भारतीय जनसंघ पार्टी भारतीय जनता पार्टी में परिवर्तित हो गई। इसके बाद लोहरदगा लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच शह और मात का खेल चलता रहा।