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आसमानी बिजली का कहर, 3 साल में 56 की गई जान

विक्रम चौहान, लोहरदगा : लोहरदगा जिले में आसमानी बिजली का कहर जारी है। हालांकि पिछले कुछ सालों के दौर

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 09:48 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 09:48 PM (IST)
आसमानी बिजली का कहर, 3 साल में 56 की गई जान
आसमानी बिजली का कहर, 3 साल में 56 की गई जान

विक्रम चौहान, लोहरदगा : लोहरदगा जिले में आसमानी बिजली का कहर जारी है। हालांकि पिछले कुछ सालों के दौरान इसके प्रभावितों की संख्या में कमी आई है। फिर भी 3 साल के दौरान कुल 56 लोगों की जान वज्रपात की चपेट में आने से गई है। जिले में पिछले 3 साल के दौरान 56 लोग वज्रपात की चपेट में आने से अपनी जान गवा चुके हैं। जबकि 3 साल के दौरान 44 पशुओं की भी मौत वज्रपात की चपेट में आने से हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के जागरूकता अभियान का असर यह हुआ है कि 3 साल के दौरान वज्रपात प्रभावितों की संख्या में कमी आई है। बावजूद इसके अब तक वज्रपात से जान गवाने वाले लोगों की संख्या चितित करने वाली है। किस वर्ष कितने लोगों की हुई मौत वित्तीय वर्ष 2017-18 में वज्रपात की चपेट में आने से कुल 22 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि दो लोग वज्रपात की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गए थे। इसी साल कुल 16 पशुओं की मौत भी वज्रपात की चपेट में आने से हुई थी। वित्तीय वर्ष 2018-19 में वज्रपात की चपेट में आने से कुल 18 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि इसी साल 21 पशुओं की मौत भी वज्रपात की चपेट में आने से हुई थी। वही वज्रपात की चपेट में आने से एक व्यक्ति बुरी तरह से झुलस गया था। वित्तीय वर्ष 2019 20 में कुल 16 व्यक्ति की मौत वज्रपात की चपेट में आने से हो चुकी है। आपदा प्रबंधन विभाग कर रहा है जागरूक

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लोहरदगा : जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर लोगों को जागरूक करने को लेकर अभियान चलाया जाता है। लोगों को बार-बार बताया जा रहा है कि वज्रपात के दौरान वह किसी पेड़ के नीचे या खुले स्थान में खड़ा ना रहें। बारिश शुरू होने के साथ ही किसी पक्के और सुरक्षित स्थान में शरण लेना ही बेहतर है। वज्रपात की चपेट में आने के बाद झाड़-फूंक या कुछ और अंधविश्वास के चक्कर में पड़ने के बजाय तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। जागरूकता का ही असर है कि हाल के वर्षों में वज्रपात से प्रभावितों की संख्या में कमी आई है। वज्रपात से मौत होने की स्थिति में 4 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है। क्या कहते हैं आपदा प्रबंधन पदाधिकारी

जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी विभाकर कुमार का कहना है कि जागरूकता लाने को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। मौत के मामलों में सभी आवेदनों का निपटारा किया गया है।


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