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लोहरदगा जिले में बंद रहे 101 नव प्राथमिक विद्यालय

लोहरदगा में सोमवार को 101 नव प्राथमिक विद्यालय बंद रहे। पारा शिक्षकों के हड़ताल के कारण यह स्थिति है। जिले में कुल 1

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 11:24 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 11:24 PM (IST)
लोहरदगा जिले में बंद रहे 101 नव प्राथमिक विद्यालय
लोहरदगा जिले में बंद रहे 101 नव प्राथमिक विद्यालय

लोहरदगा : लोहरदगा में सोमवार को 101 नव प्राथमिक विद्यालय बंद रहे। पारा शिक्षकों की हड़ताल के कारण यह स्थिति है। जिले में कुल 187 नव प्राथमिक और सरकारी विद्यालय पारा शिक्षकों के भरोसे हैं। जिसमें से सोमवार को पारा शिक्षकों की हड़ताल के कारण 101 स्कूलों में ताला लटका रहा। जिले के कुल 835 पारा शिक्षकों में से 822 पारा शिक्षक हड़ताल पर रहे हैं जबकि सोमवार को लोहरदगा जिले के विभिन्न विद्यालयों में कुल 13 पारा शिक्षक कार्यरत रहे। पारा शिक्षकों की हड़ताल के कारण उत्पन्न शैक्षणिक स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग की पहल पर सोमवार को कुल 83 स्कूलों में शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए शिक्षा व्यवस्था बहाल की गई है। बावजूद इसे बंद पड़े स्कूलों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो गई है। जिससे पारा शिक्षकों का हड़ताल एक प्रकार से प्रभावी नजर आ रहा है। सरकार और पारा शिक्षकों के बीच की लड़ाई में बच्चों का भविष्य पीस रहा है। पारा शिक्षक अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। पारा शिक्षकों के समर्थन में सरकारी शिक्षक भी आ खड़े हुए हैं। सरकारी शिक्षकों ने पारा शिक्षकों के स्थान पर काम करने से इंकार कर दिया है। इधर शिक्षा विभाग की परेशानी यह है कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत प्रशिक्षु शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी दूरस्थ विद्यालयों में जा कर काम करने से फिलहाल इंकार कर दिया है। इससे संबंधित अपनी परेशानी शिक्षा विभाग को बता दी है। हालात के कारण बच्चों के भविष्य पर संकट गहरा गया है। ----पारा शिक्षकों के आंदोलन में साथ : सुदेश महतो

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लोहरदगा : आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने लोहरदगा आगमन के मौके पर कहा है कि वे पारा शिक्षकों के आंदोलन में साथ-साथ हैं। हालांकि सुदेश महतो ने स्पष्ट कर दिया कि पारा शिक्षकों के मामले में वे और उनकी पार्टी पहले ही अपनी बात सरकार के पास रख चुके है। उन्होंने स्वाभिमान यात्रा का हवाला देते हुए कहा कि वे जनता से मिलने और उनकी बातों को सुनने आए हैं। सरकार के काम के बारे में वे पहले की कह चुके हैं। सुदेश महतो ने सरकार और पारा शिक्षकों के मामले में बहुत कुछ नहीं कहा।


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