रांची-चतरा मार्ग यानी एनएच 22 पर आखिर सफर करने से क्यों डरते हैं राहगीर
संसू चंदवा (लातेहार) रांची-चतरा मार्ग जिसे एनएच 22 (पुराना एनएच 99) के नाम से जाना जाता है
संसू, चंदवा (लातेहार) : रांची-चतरा मार्ग जिसे एनएच 22 (पुराना एनएच 99) के नाम से जाना जाता है, इसकी बदहाली चंदवा में दूर होने का नाम नहीं ले रही है। चंदवा शहर की ही बात करें तो एनएच पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं कि इसपर से गुजरना खतरे से खाली नहीं। गैराज लेन में कई फीट तक गहरे गड्ढे बन गए हैं। इन गड्ढों में रोज लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। दोपहिया वाहनों का यहां से तो गुजरना मुश्किल है। थोड़ी भी चूक हुई तो दुर्घटना होना तय मानिए। यहां पर बुजुर्ग व साइकिल सवारों की तो शामत ही आ जाती है। इन गड्ढों को पार कर दूसरी ओर चले जाने के बाद राहगीर पीछे मुड़ कर देखना पसंद नहीं करते हैं। हां, प्रशासन को कोसते नजर जरूर आते हैं।
बता दें कि कुछ दिनों पूर्व तक एनएच 22 के साथ 39 पर भी गहरे गड्ढे बने हुए थे। अक्टूबर के प्रथम और द्वितीय सप्ताह में हुई बारिश और एनएच पर तालाब का नजारा संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद एनएच 39 पर बने गड्ढों को भर दिया गया था, लेकिन एनएच 22 की स्थिति जस की तस बनी हुई है। बरसात में इन गड्ढों में पानी जमा रहता है और सूखे मौसम में धूल उड़ने से राह चलना दूभर हो जाता है।
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एनएच के साथ परिवहन विभाग पर लोग साधते हैं निशाना
एनएच पर बने इन गड्ढों को देखकर लोग एनएच के साथ परिवहन विभाग पर भी निशाना साधते हैं। लोगों का कहना है कि आए दिन परिवहन विभाग अभियान चलाकर वसूली करता है। लेकिन इसके प्रति उसकी कोई जवाबदेही नहीं दिखती है। यातायात नियमों के अनुपालन के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए भी विभाग को पहल करनी चाहिए। इन गड्ढों में कई बार मालवाहक फंस जाते हैं। इसके बाद यहां जाम का नजारा देखने को मिलता है। तब स्थिति और भी विकट हो जाती है। बड़ी मशक्कत के बाद लोग वहां से निकल पाते हैं।