Move to Jagran APP

जल, जंगल और जमीन झारखंड की पहचान:: डीएसई

जल जंगल और जमीन झारखंड की पहचान है। इस पहचान को कायम रखने के लिए ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 04:44 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 06:06 PM (IST)
जल, जंगल और जमीन झारखंड की पहचान:: डीएसई
जल, जंगल और जमीन झारखंड की पहचान:: डीएसई

संवाद सूत्र, चंदवा : जल, जंगल और जमीन झारखंड की पहचान है। इस पहचान को कायम रखने के लिए आवश्यक है कि हम अपनी पहचान को सहेज कर रखें। उक्त बातें लातेहार डीएसई ने विश्व पर्यावरण दिवस पर पतराटोली स्कूल परिसर में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। कहा कि पेड़-पौधे आयुर्वेद के आधार स्तंभ हैं। जिससे कई असाध्य रोगों का इलाज संभव हो पाता है। वर्तमान समय में प्रदूषण और बढ़ता ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ी समस्या बन गई है। इसपर नियंत्रण के लिए पौधरोपण व उनका संरक्षण आवश्यक है। जो सामूहिक सहभागिता से संभव होगा। बीडीओ अरविंद कुमार और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी जवाहर प्रसाद ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना सबका धर्म है। पेड़-पौधे बड़े ही अनमोल हैं। जो मानव समेत सभी जीवों के लिए शुद्ध हवा प्रदान करते हैं। लोग पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें और पेड़ों को बचाने के लिए सार्थक सहभागिता निभाएं।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.