सर्वर डाउन रहने से शिक्षक परेशान
चंदवा : सेवा पुस्तिका ऑनलाइन होना शिक्षकों के लिए जी का जंजाल बन गया है। सर्वर की गड़बड़ी
चंदवा : सेवा पुस्तिका ऑनलाइन होना शिक्षकों के लिए जी का जंजाल बन गया है। सर्वर की गड़बड़ी उन्हें रूला रही है। शिक्षकों की मानें तो छठ के समय हुए भुगतान के बाद फरवरी महीने में नवंबर व दिसंबर का भुगतान हो पाया। जनवरी व फरवरी का भुगतान होना बाकी है। यदि फरवरी में वर्तमान माह तक का भुगतान नहीं हुआ, तो उनके सामने कई समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। सबसे बड़ी समस्या इनकम टैक्स भुगतान को लेकर है।
कहां हो रही परेशानी :
परेशानी की वजह विभाग द्वारा शिक्षकों के डाटा इंट्री का ऑनलाइन होने में सर्वर की गड़बड़ी आफत बनी हुई है। सर्वर तो उन्हें रूला रहा है। शिक्षक स्कूल से छुट्टी लेकर इसे पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, मगर ऐसा करने में वो अपने का असमर्थ पा रहे हैं। विभाग ने इसके लिए कई शिक्षकों का प्रतिनियोजन भी किया है, मगर सर्वर का प्रतिनियोजन कैसे हो। सर्वर ठीक रहने के बाद भी एक शिक्षक की डाटा इंट्री में काफी समय लग जाते हैं। उनकी मानें तो तीन-चार लोगों की इंट्री करते समय खत्म हो जाता है। जिले के सभी प्रखंडों की शिक्षकों की डाटा इंट्री करने के लिए समय लगेगा। ऐसे में विभाग का यह फरमान कि यदि उनकी सेवा पुस्तिका ऑन लाइन नहीं हुई तो उनका वेतन रूक जाएगा। उनपर नागवार गुजर रहा है। शिक्षकों की मानें तो पहले सबकी सेवा पुस्तिका ऑन लाइन करने के बाद ही इस तरह का आदेश जारी किया जाना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो समस्या और बढ़ जाएगी और उनका वेतन एरियर में चला जाएगा और समस्या बलवती हो जाएगी।
मार्च के बाद प्रक्रिया लागू करने की मांग :
शिक्षकों ने विभागीय अधिकारियों से इस प्रक्रिया को मार्च के बाद लागू करने की मांग की है। शिक्षकों ने कहा है कि उनके लिए फरवरी महीना वित्तीय वर्ष का अंतिम महीना माना जाता है क्योंकि इस महीने उन्हें पूरे वर्ष की आय के हिसाब से आयकर देना पड़ता है। महीने की लगभग राशि अडजस्ट करने में ही खर्च हो जाती है। यदि भुगतान ही नहीं होगा तो आयकर समेत अन्य कार्याें का संपादन कैसे होगा।
कहते हैं बीईईओ : बीईईओ सुनील कुमार केशरी ने इस बावत बताया कि आवंटन नहीं होने के कारण वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा था। हालिया दिनों में नवंबर और दिसंबर महीने का भुगतान हो चुका है। जनवरी का आवंटन आ गया है। शीघ्र ही इसका भुगतान कर दिया जाएगा। जहां तक बात सेवा पुस्तिका के ऑनलाइन होने की है, तो कार्य प्रगति पर है। नहीं होने की स्थिति की बात पर कहा कि ऐसा नहीं होने की स्थिति में नए वित्तीय वर्ष में अड़चनें आ सकती हैं।