Move to Jagran APP

अनाज सब्जी उगाने वाले अन्नदाता किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण: अयूब

किसान सम्मान दिवस पर झारखंड राज्य किसान सभा ने धरना दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 06:51 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 06:51 PM (IST)
अनाज सब्जी उगाने वाले अन्नदाता किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण: अयूब
अनाज सब्जी उगाने वाले अन्नदाता किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण: अयूब

संवाद सूत्र, चंदवा: किसान सम्मान दिवस पर झारखंड राज्य किसान सभा ने धरना दिया। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति एवं झारखंड राज्य किसान समन्वय संघर्ष समिति के देशव्यापी आह्वान पर झारखंड राज्य किसान सभा के लातेहार जिलाध्यक्ष व सदस्यों ने अपने आवास के दरवाजे के सामने शारीरिक दूरी का अनुपालन करते राष्ट्रीय तिरंगा झंडा, लाल झंडा, कृषि यंत्र कोड़ी कुदाल के साथ मांगों से संबंधित पोस्टर लेकर धरना दिया। खेतों में खाद्य सामग्री का उत्पादन कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में साथ देने वाले अन्नदाता किसानों का हौसला अफजाई की। धरने को संबोधित करते जिलाध्यक्ष अयूब खान ने कहा कि कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना किसान कृषि कार्य में जुटे हैं। खेतों में उगाई खाद्य सामग्री (अनाज-सब्जियां) लोगों तक पहुंचा रहे हैं। संसाधनों की कमी के बावजूद किसान जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। उनकी मेहनत के कारण ही सबों को अनाज और सब्जियां उपलब्ध हो पा रही है। अन्नदाताओं के कारण ही खाद्यान्न से देश का भंडार भरा है। आपदा के समय भी किसान कंधे से कंधा मिलाकर साथ चल रहे हैं। सही मायने में वो मान-सम्मान के हकदार हैं। आगे कहा कि विकास का रास्ता गांव से होकर निकलता है। किसानों की खुशहाली के बिना समाज की खुशहाली की कल्पना नहीं की जा सकती। उनके उत्थान से ही देश का चहुंमुखी विकास हो सकता है। जरूरत है किसानों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ उनतक पहुंचाने की। कहा कि घर पहुचने की ललक में प्रवासी मजदूर सड़कों पर भूखे प्यासे पैदल चल रहे हैं। यह सरकार के प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की पोल खोल रहा है। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को घर पहुंचने के लिए अन्यान्य मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा घोषित पैकेज जले पर नमक छिड़कने के अलावा और कुछ नहीं। आजादी के बाद सड़क पर मजदूरों की ऐसी दुर्दशा पहली बार देखी जा रही है। शहर में 70 और ग्रामीण क्षेत्र में 50 प्रतिशत से अधिक लोग रोजगार खो चुके हैं। मध्यम वर्ग भुखमरी के कगार पर है। सरकार को इनकी समस्याएं नहीं दिख रही है। धरना के माध्यम से किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाकर अट्ठारह हजार रुपये वाíषक करने, सभी शहरी और ग्रामीण परिवारों को लॉकडाउन के दौरान हुए रोजी रोटी और आजीविका के नुकसान की भरपाई के लिए प्रतिमाह दस हजार रूपये की आíथक सहायता करने, घर पहुंचे प्रवासी मजदूरों को पांच हजार रुपये विशेष प्रवास राहत राशि एवं काम देने, पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों में 22 रुपये प्रति लीटर की कमी करने, किसानों तथा आम जनता की सभी प्रकार के बैंकों का कर्ज एवं बिजली बिल माफ करने, किसानों को खेती के संयंत्र, खाद्य बीज मुफ्त उपलब्ध कराने आदि मांगे सरकार से की गई। इसके पूर्व कर्ज के बोझ से दबकर तथा अकाल सुखाड़ में फसल न होने एवं अन्य कारणों से परेशान होकर जान देने वाले किसानों तथा लॉकडाउन के बीच जान गवांने वाले प्रवासी श्रमिकों के प्रति एक मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। किसानों को सम्मान दो, प्रवासी मजदूरों की मद के एक हजार करोड़ रुपए को श्रमिकों को घर पहुंचाने में मदद करो, किसानों, प्रवासी मजदूरों दुकानदारों को बैंक कर्ज के बदले उनके खाते में नगद राशि ट्रांसफर करो आदि नारे लगाए। मौके पर किसान जीतन गंझू, परवेज खान, फहमीदा बीवी समेत अन्य मौजूद थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.