सामूहिक दुष्कर्म मामले में जुर्माना वसूल राशि का बंदरबांट कर रहे थे जनप्रतिनिधि
शराब पिलाकर नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। घटना झारखंड के लातेहार की है।
जागरण संवाददाता, लातेहार। झारखंड के लातेहार स्थित महुआडांड़ थाना क्षेत्र की रहने वाली बारह वर्ष की किशोरी से 28 अक्टूबर को गांव के रहने वाले तीन युवकों द्वारा शराब पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले को लेकर गांव में पंचायत हुई और सभी आरोपितों पर पचास-पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। गांव के जनप्रतिनिधियों ने मामले को दबाने का प्रयास किया। लेकिन उनके बीच ही पैसे के बंटवारे को लेकर हुए विवाद के बाद उन्हीं जनप्रतिनिधियों ने मामले को उजागर कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, घटना 28 अक्टूबर की बताई जा रही है। इस संबंध में पीड़िता ने महुआडांड़ महिला थाना में आवेदन देकर गांव के रहने वाले तीन युवकों पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है। घटना के संबंध में महिला थाना प्रभारी कनक लता सोय ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता ने थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा है कि वह 28 अक्टूबर को बारह बजे स्नान करने व कपड़ा धोने के लिए बूढ़ा नदी फॉल के समीप गई हुई थी। उसी समय तीन युवक कुंदन प्रसाद, अविनाश बड़ाइक तथा दीपक प्रसाद भी पिकनिक मनाने वहां पहुंचे थे। युवकों ने उसे पकड़ लिया और जबरन शराब पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता के बयान पर एफआइआर दर्जकर आरोपित युवकों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
डेढ़ लाख में पीड़िता को देने थे सिर्फ पचास हजार
28 अक्टूबर को हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले को लेकर गांव के ही रहने वाले जनप्रतिनिधियों द्वारा मामले को दबाने का प्रयास किया गया था। हालांकि पैसा बंटवारा करने में हुए मतभेद के बाद उन्हीं जनप्रतिनिधियों ने मामले का पर्दाफाश किया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला जैसे ही सामने आया वहां के जनप्रतिनिधि व कुछ लोग मामले को दबाने के लिए प्रयास करने लगे। आनन-फानन में एक बैठक आयोजित की गई। दुष्कर्म में शामिल युवकों के पिता को बुलाया गया और प्रति व्यक्ति पचास हजार रुपये की दर से डेढ़ लाख रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया गया।
जिस पर उन तीनों द्वारा किसी तरह से राशि जुटाकर जनप्रतिनिधियों के पास जमा कर दिया गया। जमा की गई राशि में पीड़िता के परिवार वालों को मात्र पचास हजार देने की बात तय की गई थी। वहीं, बाकी राशि को आपस में बांटना तय हुआ था। लेकिन अधिक राशि लेने को लेकर मतभेद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि उन्हीं जनप्रतिनिधियों ने पुलिस के समक्ष मामले का पर्दाफाश कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया।