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तीसरे दिन भी रेल की पटरी पर धरना देते रहे टाना भगत

संवाद सूत्र चंदवा (लातेहार) अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी नीति टाना भगत ने अपनी मांगो।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 06:22 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 06:22 PM (IST)
तीसरे दिन भी रेल की पटरी पर धरना देते रहे टाना भगत
तीसरे दिन भी रेल की पटरी पर धरना देते रहे टाना भगत

संवाद सूत्र, चंदवा (लातेहार) : अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी नीति टाना भगत ने अपनी मांगों को लेकर तीसरे दिन भी रेल पटरी पर धरना देते रहे। टोरी जंक्शन के पास रेल पटरी पर ही जमे हुए हैं। ब्रिटिश सरकार द्वारा नीलाम जमीन की वापसी, लगान से मुक्ति, खनिज पर अधिकार सहित कई मांगों को लेकर राज्य के आठ जिलों के करीब पांच सौ टाना भगत इस अहिंसक धरना में शामिल हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनुयायी टाना भगतों का कहना है कि द्वापर, त्रेता, सतयुग और कलियुग चारों युगों में हमारे पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी। देश की आजादी के लिए शहीद होने वाले हमारे पूर्वजों की कुर्बानी को अबतक उचित सम्मान नहीं मिला। आजादी के 73 वर्ष बीतने के दौरान कितनी सरकारें आई और गईं मगर टाना भगतों के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया। अब भी अपने हक व अधिकार से हम सब वंचित हैं। उसी हक और अधिकार की प्राप्ति के लिए अंहिसावादी नीति के तहत आंदोलनरत हैं। बताया कि एकीकृत बिहार के रांची, पलामू, हजारीबाग, सिंहभूम, मानभूम सभी जिलों के टाना भगतों को सरकार ने छलने का काम किया है। केंद्र एवं राज्य सरकार से अपनी मांगों को न जाने कितनी बार अवगत करा चुके हैं बावजूद हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया। कई जगहों पर हमारे साथ जमीन संबंधी धोखाधड़ी, खनन संबंधी मामले, झूठा मुकदमा कर उनकी जमीन से उन्हें बेदखल करने की साजिश चलती रही है। अब हम लोगों ने ठान लिया है, जबतक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती वो आंदोलनरत रहेंगे।

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