पीने के लिए गर्म पानी तक नहीं, अंधेरे में कटती है रात
संवाद सूत्र बारियातू (लातेहार) कोरोना से लड़ाई में जीत के लिए लॉकडाउन के नियम।
संवाद सूत्र, बारियातू (लातेहार) : कोरोना से लड़ाई में जीत के लिए लॉकडाउन के नियम और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए लगातार कहा जा रहा है। लेकिन स्थानीय स्तर पर ग्रामीण सरकारी निर्देशों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। वहीं कोराना संक्रमितों को कोविड सेंटरों पर रखने और व्यापक स्तर पर मापदंड तय किए गए हैं ताकि यहां रखे गए लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो और यहां इनकी बेहतर तरीके से देखभाल हो सके। बारियातू प्रखंड स्थित स्वास्थ्य केंद्र के भवन को कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। लेकिन यहां की बदइंतजामी से लोग खासे परेशान हैं। यहां भर्ती कोरोना संक्रमितों को अब तक काढ़ा की बात तो दूर पीने के लिए गर्म पानी तक की व्यवस्था नहीं कराई जा सकी है। कोरोना संक्रमितों में अधिकांश सरकारी कर्मी हैं, इसलिए वे खुलकर खामियों के बारे में बता भी नहीं पाते। ऐसी है खाने और सोने की व्यवस्था :
लोगों को सुबह समय पर नाश्ता व दिन व रात का खाना दिया जा रहा है। लेकिन की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों सही नहीं है। लिहाजा कई मरीजों के परिजन घर से खाना लाकर दे रहे हैं। यहां बेड की व्यवस्था पर्याप्त होने की बात विभाग कहता है, लेकिन सेंटर में फर्श पर सोते कोरोना संक्रमित मरीजों की सोशल साइटों पर वायरल फोटो इस हकीकत की पोल खोल रही है। वहीं, मामले को कई राजनीतिक दलों ने व्यवस्था में सुधार की मांग जिला प्रशासन से की है। बिजली की समस्या विकराल :
सेंटर की बदहाली बताने वालों ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कई जानकारी दी। बताया गया कि विद्युत आपूर्ति रहने पर बिजली रहती है। लेकिन बिजली कटी तो इर्न्वटर का बैक अप नहीं होने के कारण पंखा तक नहीं चल पाता। लोगों ने कई रात तो अंधेरे में ही गुजार दी है। यहां जनरेटर की व्यवस्था नहीं की गई है, लिहाजा रात के अंधेरे में जंतुओं के काटने का भी खतरा बना रहता है। कोट::
कोरोना को लेकर कोई फंड नहीं आया है। अब तक की जो भी व्यवस्था है हमलोगों ने खुद से बनाई है, सुविधाएं निरंतर बढ़ रही हैं।
रवि कुमार, अंचल पदाधिकारी बारियातू।
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मेडिकल से जुड़ी सभी सुविधाएं सेंटर में भर्ती मरीजों को मुहैया कराई जा रही हैं। मरीजों की नियमित जांच करने के बाद उसकी रिर्पोट तैयार की जाती है।
डा. अशोक ओड़ेया, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी।