अगले बरस फिर आना मां के साथ भक्तों ने प्रतिमा को दी विदाई
जेएनएन लातेहार जिला मुख्यालय लातेहार से लेकर सभी प्रखंडों में दशहरा का पर्व धूमधाम से मन
जेएनएन, लातेहार : जिला मुख्यालय लातेहार से लेकर सभी प्रखंडों में दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सभी जगहों पर पुलिस की चौकस व्यवस्था रही। सोशल साइटों पर निगरानी का असर यह हुआ कि जिले भर में न कहीं कोई अफवाह फैली और न ही माहौल तनावपूर्ण हुआ। कई जगहों पर विजयादशमी के दिन रावण दहन तो कुछ स्थानों पर कलाकारों की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। जिसका दर्शकों ने शांतिपूर्ण तरीके से उत्साह के साथ लुत्फ उठाया। सभी जगहों पर मां दुर्गा की प्रतिमा की भावपूर्ण विदाई दी गई। मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन को लेकर लोगों को काफी उत्साह देखा गया। प्रतिमा का विसर्जन बैंड व भक्ति गीतों के बीच संपन्न हो गई। माता की प्रतिमा के विसर्जन के पूर्व भक्तों द्वारा मां की आरती कर विधिवत पूजा अर्चना की गई। साथ ही मां से भक्तों ने जीवन में सुख समद्धि की कामना की।
चंदवा में भी नम आंखों से मां दुर्गे को दी विदाई
संवाद सूत्र, चंदवा : असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा चंदवा में भी हर्षोल्लास संपन्न हुआ। नौ दिनों तक चलने वाली माता दुर्गा की आराधना व हवन के बाद दुर्गा मंडल हरैया, बुधबाजार, सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति दुबेजी का गोला, थानाटोली, रेलवे क्लब टोरी, लुकूइया, वनशक्ति, रोल महुअमिलान समेत अन्य पूजा पंडालों में माता के नौ रूप के प्रतीक कन्याओ ंका पूजन किया गया। नौ कन्याओं के पूजन का महत्व बताते आचार्य पं. बालकृष्ण मिश्र, पं. प्रदीप उपाध्याय, पं. गोपाल वैद्य, पं. इंदुभूषण पाठक समेत अन्य आचार्यों ने बताया कि माता दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा-अर्चना व भोजन कराने से भाग्योदय होता है। व्यक्ति के पापों का नाश हो जाता है। नौ कन्या पूजन के बाद गाजे-बाजे व माता के जयकारों के साथ नौ पत्रिका का विसर्जन कर दिया गया।
जतरा मेले का आयोजन: दुर्गामंडल हरैया व रोल महुआमिलान द्वारा दशहरा पर जतरा मेला का आयोजन किया गया। जतरा मेले में पहुंचे हजारों लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया।
बारिश में भी दिखा उत्साह: दुर्गामंडल हरैया व रेलवे क्लब टोरी द्वारा विजयादशमी को किए जा रहे प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान हो रही बारिश में भी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह दिखा। विसर्जन यात्रा में शामिल माता के भक्त बारिश के बावजूद संगीत की धुन पर थिरकते रहे। माता के जयकारों के बीच जलाशयों में प्रतिमा का विसर्जन कर दिया गया।