खरना संपन्न, पहला अर्घ्य आज
लातेहार : धोवल धावल मील में गेहूं पीसवाईब सईंया जी, हमरा ला पीयरी अपना ला कुरता ले आईब
लातेहार : धोवल धावल मील में गेहूं पीसवाईब सईंया जी, हमरा ला पीयरी अपना ला कुरता ले आईब सईंया जी, मारबऊ रे सुगवा धनुष से सुगवा गिरे मुरछई, जल्दी - जल्दी अरग देवाईं, केलवा के पात पर उगेलन सूरजदेव..। आदि कई गीतों से गूंज रहा था लातेहार जिला। अवसर था छठी मईया के पूजन के बाद व्रतियों और उनके परिजनों की ओर से खरना के प्रसाद वितरण का। लोक आस्था का पर्व छठ को लेकर खीर भोजन पूरे जिला मुख्यालय समेत बरवाडीह, मनिका, गारू, चंदवा, बारियातू, हेरहंज, बालूमाथ, महुआडांड़ समेत सभी प्रखंडों में उल्लास का माहौल रहा। छठव्रती लगभग तीन बजे से कुआं, नदी, तालाब समेत अन्य जलाशय में पहुंच स्नान कर जल घर ले आए। जहां पर शुद्ध मन से अरवा चावल व दूध से खीर बनाकर भगवान सूर्य को भोग लगाया। उसके बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण कर बाद में लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया। खीर भोजन के संपन्न होते ही मंगलवार को होने वाले प्रथम अर्घ्य को लेकर व्रतियों द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई थी।
-----छठगीतों से गुंजायमान रहा लातेहार :
महापर्व छठ को लेकर बजनेवाले छठगीतों से पूरा शहर गुंजायमान हो रहा है। शहर समेत आस पास के कस्बाई इलाकों में भी छठ गीतों के भक्ति की बयार बह रही है। सभी स्थानों पर बहंगी लचकत जाए..। नामक गाने को अधिक सुना गया।
---पूरे शहर में रही गहमा-गहमी :
लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर सोमवार को पूरे शहर में गहमा गहमी दिखी। अहले सुबह से ही खरीददारी को लेकर पूरे शहर में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। गहमागहमी के बीच शहर में जाम का नजारा दिखा। राहगीरों को सबसे खासी परेशानी पानी टंकी से लेकर जुबली चौक के बीच झेलनी पड़ी हलांकि प्रशासन जाम की समस्या से निजात के लिए मुश्तैद नजर आया।
---छठ घाट पर बरतें यह सावधानियां:
अर्घ्य देते हुए कुछ बातों का खास ख्याल रखा जाता है, जैसे तांबे के बर्तन में दूध से अर्घ्य नहीं देना चाहिए। तांबे के बजाय पीतल के बर्तन में दूध डालकर अर्घ्य दिया जा सकता है। स्टील, प्लास्टिक, कांच और चांदी के बर्तन से भी अर्घ्य ना दें। तांबे के बर्तन से अर्घ्य दे सकते हैं लेकिन दूध डालकर नहीं। इसके अलावा छोटे बच्चों को घाट पर ना जाने दें। छठ घाट पर पटाखे का प्रयोग न किया जाए इससे छठ व्रतियों के साथ - साथ आम श्रद्धालुओं को भी परेशानी हो सकती है। मोबाइल फोन का प्रयोग न करें तो बेहतर यदि फोन रखना भी हो तो उपर की जेब में न रखें। किसी भी स्थिति में अफवाह न फैलाएं और अफवाहों पर विश्वास न करें।