भाइयों की लंबी उम्र के लिए बहनों ने रखा व्रत
पूरे अभ्रकांचल क्षेत्र में करमा पूजा उत्सव के साथ मनाया गया। भादो शुक्ल पक्ष की एकादशी पर करमा व्रत रखने की परंपरा है। गुरुवार को बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र, सेहत व सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखी। मालूम हो कि भाई-बहन का पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है। वहीं करमा पर्व भाई-बहन के प्रेम का एक अनूठा पहलू को उजागर करता है।
डोमचांच: डोमचांच डीएलएड सेंटर में प्रशिक्षु शिक्षिकाओं ने करमा को धूमधाम से मनाया। सेंटर कैंपस में प्रशिक्षु शिक्षिकाओं ने करम की डाल को खड़ा किया और पारंपरिक तरीके से करम की पूजा कर अपने भाई के लंबी उम्र की कामना की। इस मौके पर उनके द्वारा करमा के गीत भी गाए गए। मौके पर मास्टर ट्रेनर अशोक ¨सह, मिथिलेश शर्मा, सोनू पासवान और मनोज वाजपेयी ने करमा के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर कोर्डिनेटर अनुराधा सिन्हा, प्रशिक्षु शिक्षकों में सीताराम शर्मा, देवेंद्र कुमार, रजनीबाला, सीमा जैन, रेणु सेठ, संध्या कुमारी, नीरज ¨सह, पवन कुमार शर्मा, वीरेंद्र मिश्रा, मुरली कुमार, ओपी ¨सह, दिवाकर कुमार आदि उपस्थित थे। जेजे कॉलेज के बीएड संभाग की छात्राओं ने भी करमा पर्व मनाई। कार्यक्रम में छात्राओं गीत-नृत्य प्रस्तुत की। :::: अखरा में स्थापित किए गए करम देव::::::
मरकच्चो: भादो शुक्ल पक्ष एकादशी को मनाया जाने वाला भाई बहन के प्रेम व प्रकृति का पर्व करमा का उत्साह चरम पर है। पर्व को लेकर अखरा में गुरुवार की देर शाम को कर्म की डाली स्थापित किया जाएगा। गुरुवार को क्षेत्र की महिलाएं व युवतियां पूरे दिन उपवास रखकर देर रात्रि में करम देवता की पूजा अर्चना करेंगे ।त्योहार को लेकर पूरे दिन बाजार गुलजार रहा। फल खीरा एवं पूजन सामग्री आदि की खरीदारी को लेकर बाजार में भीड़ रही। वही श्रृंगार के दुकानों पर भी महिलाओं और युवतियों की भीड़ देखी गई ।कर्म की डालियां की बिक्री भी जगह-जगह पर हुई । पर्व को लेकर बताया जाता है कि महिलाएं व युवतियां अपने अपने भाइयों के दीर्घायु व सलामती के लिए करमा पर्व करती हैं। इस मौके पर कहीं-कहीं पारंपरिक वाद्य यंत्र मांदर व झाल के साथ झूमर नृत्य किया भी किया। इस तरह का ²श्य मरकचो के तेलिया मारन व बरियारडीह के बिरहोर कॉलोनी में देखने को मिली। करमा की डाल स्थापित जगहों यानी अखरा में देर रात पूजा अर्चना के बाद रातभर व्रत रखने वाली युवतियां व महिलाएं नृत्य करेंगी।