लोकआस्था के पर्व पर बर्दास्त नहीं होगी बंदिशें : अन्नपूर्णा
सवाद सहयोगी झुमरीतिलैया (कोडरमा) चार दिवसीय लोक आस्था का छठ महापर्व 18 नवंबर से शुरू
सवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): चार दिवसीय लोक आस्था का छठ महापर्व 18 नवंबर से शुरू होगा। इसकी तैयारी भी व्रतियों के घरों में जोरों पर शुरू हो चुकी है। वहीं केंद्र सरकार के द्वारा विभिन्न राज्यों में रहने वाले लोगों को घर पहुंचाने के लिए छठ पूजा स्पेशल ट्रेनों का परिचालन भी कर रही है। इस बीच छठ को लेकर राज्य सरकार के गाइडलाइन का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के लोग इस मुद्दे को लेकर सबसे ज्यादा मुखर हैं। भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सह कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने एक बयान जारी कर कहा है कि हेमंत सरकार तुष्टीकरण की राजनीति बंद करें। उन्होंने सरकार के आदेश को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि लोकआस्था के पर्व पर इस तरह की बंदिशें बर्दास्त नहीं होगी। सरकार का यह फरमान तुगलगी है। इसे अविलंब वापस लेना होगा।
विधायक नीरा यादव ने की मुख्यमंत्री से बात:
वहीं स्थानीय विधायक नीरा यादव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मुद्दे पर टेलीफोन से बात की। उन्होंने मुख्यमंत्री से गाइडलाइन पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि लाखों व्रती ऐसे हैं, जिनके घरों में अर्घ्य देने के लिए पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में वे लोग क्या करेंगे? विधायक ने छठ घाटों में फैली गंदगी की भी युद्धस्तर पर साफ-सफाई के निर्देश देने का आग्रह सीएम से की।
टेंट लाइट एसोसिएशन ने कहा उतरेंगे सड़क पर
एक तरफ छठ पर्व को लेकर निवास स्थलों गली मोहल्लों एवं वाहनों में छठ मैया के गीत लोगों को लुभा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार के द्वारा घाटों पर अनुमति नहीं मिलने की वजह से व्यवसाय भी प्रभावित होंगे। लाइट एवं डेकोरेटर्स एसो. जिला कोडरमा के अध्यक्ष बैजनाथ यादव ने कहा कि मार्च के बाद से ही टेंट एवं लाइट का व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित है। दुर्गा पूजा गणेश पूजा सहित अन्य पर्व त्योहारों में ऑर्डर कम मिला। छठ पर्व को लेकर झुमरी तिलैया और कोडरमा में लाइटिग एवं शामियाना और टेंट का लगभग 50 जगह 10 लाख रुपये का ऑर्डर मिला। लेकिन इस पर रोक लगाने से व्यापार पूरी तरह से प्रभावित होगा। बैजनाथ यादव ने कहा कि छठ पर्व के बाद सरकार के इस फैसले को लेकर सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड में उपचुनाव के दौरान कोविड के निर्देशों का पालन दूर-दूर तक नजर नहीं आया। लेकिन आस्था के इस पर्व में सरकार का यह निर्णय तुगलकी फरमान से कम नहीं है। वहीं फल विक्रेता मनोज साहू ने कहा की कोविड 19 की वजह से पहले ही कम आर्डर दिया गया था। लेकिन सोमवार को यह निर्णय आने के बाद व्यवसायी फिर से ऑर्डर को रद्द करने के लिए जुट गए हैं। वहीं पूजा समितियों में भी असमंजस की स्थिति है। सूप डाला की दुकानें भी सड़कों के किनारे सज चुकी है, लेकिन सरकार के इस निर्णय के बाद लोग संशय से में है।
हिदुओं के आस्था से लगातार खिलवाड़ : आशीष
अभाविप कोडरमा के जिला संयोजक आशीष कुमार ने छठ महापर्व को लेकर झारखंड सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश का पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने कहा वर्तमान झारखंड सरकार हिन्दू धर्म और हिदुओं की आस्था से लगातार खिलवाड़ कर रही है। सरकार की चुनावी जनसभाओं से कोरोना नहीं फैला, लेकिन धार्मिक कार्यक्रम से कोरोना फैलेगा। सरकार का यह निर्णय हिदुओं के प्रति उनकी भावना को दर्शाता है।