कोहरे में ट्रेनों की सुरक्षा पर विशेष जोर
संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया (कोडरमा) ठंड की दस्तक के साथ ही दिसंबर माह में कोहरे का
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): ठंड की दस्तक के साथ ही दिसंबर माह में कोहरे का असर दिखने लगा है। आशंका के बीच रेलवे ने ट्रेनों की गति निर्धारण की प्रक्रिया अपनायी है। संरक्षा और सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए फाग सेफ डिवाइस रहित ट्रेनों की अधिकतम गति सीमा 60-75 किमी और फाग सेफ डिवाइस वाली ट्रेनों की अधिकतम गति सीमा 110 किमी की गई है। आदेश का पालन करने हेतु संबंधित विभाग को दिशा निर्देश जारी किया गया है। अब ट्रेनें लोको पायलट के विवेक पर दौड़ेगी। :::::::फाग सेफ डिवाइस लगाना अनिवार्य:::::
फिलहाल रेलवे ने सभी ट्रेनों में फाग सेफ डिवाइस लगाना अनिवार्य कर दिया है। ट्रेनें की सबसे पीछे लगने वाले कोच में लाल बत्ती के जगह फलेराग टेल लगाया गया है। रेलवे फाटकों पर ट्रेन की गति कम की गई है और सीटी बजाना अनिवार्य किया गया है। वहीं वरीय अधिकारियों तथा गैंगमेन को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। :::::::: अपनाये जा रहे है ये मानक ::::::::
1. सिग्नल के पास रेल लाइन पर चुना की मार्किंग होगी।
2. सिग्नल से पहले रेल लाइनों पर बांधे जायेगें पटाखे।
3. सिग्नल से 500 मीटर पहले अलर्ट कर देती है डिवाइस।
4. घने कोहरे में डिवाइस बताती है कि सिग्नल रेड, ग्रीन है या एलो।
5. जानकारी होने के साथ ही लोको पायलट ट्रेन की गति को नियंत्रण कर लेता है।
6. जीपीएस आधारित इस डिवासइस में ओडियो वीडियो दोनों सिस्टम काम करते है यह डिवाइस लोको पायलट को झपकी नहीं लेने देता डिप की आवाज हर पल जगाती रहती है। :::::: क्या कहते हैं अधिकारी :::::: ट्रेन संचालन का संरक्षा सर्वोपरि है। कोहरे के मौसम में निर्बाधगति से ट्रेन चलाने के लिए सभी संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये हैं। राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व-मध्य रेलवे।