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इबादत के साथ मनी शब-ए-बरात

जिले के जलवाबाद हसनाबाद भादोडीह गुमो दर्जिचक समेत अन्य जगहों पर शब ए बारात बहुत अदबो एहतेराम और पाकीजगी के साथ मनाया गया।शब ए बारात के मौके पर पूरी रात लोग मदीना मस्जिद जामा मस्जिद बेलाल मस्जिद में इबादत व नफिल नमाज पढ़ते न•ार आये।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 10:46 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:34 AM (IST)
इबादत के साथ मनी शब-ए-बरात
इबादत के साथ मनी शब-ए-बरात

कोडरमा : जिले के जलवाबाद, सनाबाद, भादोडीह, गुमो समेत अन्य जगहों पर शब- ए- बारात बहुत अदबो एहतेराम और पाकीजगी के साथ मनाया गया। शब- ए- बरात के मौके पर पूरी रात लोग मदीना मस्जिद, जामा मस्जिद, बेलाल मस्जिद में इबादत व नफिल नमाज पढ़ते नजर आये। वहीं जलवाबाद, गुमो, भादोडीह, हसनाबाद समेत अन्य क्षेत्रों के लोग कब्रिस्तान में फातेहा पढ़ अपने प्रियजन जो दुनिया से रुखसत हो गये हैं उनके लिये दुआ ए मगफिरत की। साथ ही बुजर्गों के दरगाहों में फातेहा व सलाम पढ़े गये। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार शाबान महीने की 14 तारीख सूर्यास्त के बाद मुस्लिम मजहब के मानने वालों के लिए यह रात बेहद फ•ाीलत (महिमा) की रात होती है। इस दिन सारी दुनिया के मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं और अपनी गुनाहों से तौबा कर दुआएं मांगते हैं। ---विशेष नमाज अदा की गई

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इस्लामी त्यौहार शब-ए-बरात बीती रात को मनाया गया। वहीं सभी लोग देर रात में कब्रिस्तानों एवं दरगाहों पर जाकर तथा अपने पूर्वजों एवं परिजनों की कब्रों पर दरूद फातेहा पढ़े और उनकी मगफिरत की दुआ की। इस दौरान मस्जिदों में कुरआन पाक की तिलावत, नफिल नमाज लैलतुल बारात, सलतुल तौबा व क•ा नमा•ा पढ़े गये। मुस्लिम मजहब के मानने वाले ज्यादातर लोग पूरी रात इबादत के बाद सेहरी किया और दिन को रोजा उपवास रख देर शाम इफ्तार किया। इबादत, तिलावत और सखावत (दान-पुण्य) के इस त्योहार के लिए मस्जिदों, कब्रिस्तानों व घरों में खास सजावट की गई थी। पूरी रात मस्जिदों- कब्रिस्तानों व मुस्लिम मुहल्ले में भीड़ का आलम देखने को मिला। ---अकीदत के साथ मनाते हैं शब- -ए- बरात : ईमाम

जामा मस्जिद के इमाम कारी खैरुलवरा ने कहा कि शब -ए- बरात में पिछले साल के किए गए कर्मों का लेखा-जोखा तैयार करने और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली इस रात को शब-ए-बरात कहा जाता है। इस रात को पूरी तरह इबादत में गुजारने की परंपरा है।


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