पर्यटन विकास का द्वार खोलेगी कोडरमा-राजगीर रेल लाइन
संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया कोडरमा-तिलैया-राजगीर 64 किलोमीटर रेलवे लाइन का निर्माण अगले
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया: कोडरमा-तिलैया-राजगीर 64 किलोमीटर रेलवे लाइन का निर्माण अगले दो वर्षों के भीतर पूरा होने के बाद कोडरमा रेलवे लाइन से बौद्ध सर्किट से जुड़ जाएगा। बौद्ध धर्मावलंबियों के पवित्र स्थल बोधगया आने-जाने के लिए यहां पहले से ही रेलवे व सड़क मार्ग से सुगम व्यवस्था है। आनेवाले दिनों में नालंदा, राजगीर तक भी रेल से पहुंचा जा सकेगा। इससे रेलवे के बड़े नेटवर्क के साथ-साथ कोडरमा पर्यटकीय ²ष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण स्टेशन होगा। वैसे भी कोडरमा-राजगीर का यह रेलवे लाइन घने जंगलों एवं पहाड़ों से होकर गुजर रहा है। ऐसे में यहां की यात्रा दिलकश नजारों से भरी होंगी। इस रूट पर कोडरमा से झारखंड की सीमा में 17 किलोमीटर तक रेलवे लाइन बिछ चुकी है। यहां अगले कुछ माह में एक पैसेंजर ट्रेन चलाने पर विचार चल रहा है। वहीं राजगीर से बिहार में भी 25 किलोमीटर पटरी बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। बीच का हिस्सा जंगल, पहाड़ व घाटी का क्षेत्र है, जिसमें पांच बड़े सुरंग व पांच ब्रिज का निर्माण होगा। डेढ़ किलोमीटर लंबी सुरंग व पांच बड़े ब्रिज बनेंगे पर्व-मध्य रेलवे हाजीपुर के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पांच सुरंगों की लंबाई डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा है। इसी तरह करीब पांच बड़े ब्रिजों का निर्माण भी यहां होना है। अगले दो वर्षों में रेलवे लाइन का कार्य पूरा होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय होगा कि कोडरमा-हजारीबाग रेलवे रूट भी घने जंगलों नदियों एवं पहाड़ों से होकर गुजरा है। यह रूट भी दिलकश नजारों से भरपूर है। वहीं कोडरमा-गिरिडीह लाइन का विस्तार भी अब मधुपुर तक हो चुका है। इस तरह रेलवे के पांच रूटों का जंक्शन बन रहा कोडरमा आनेवाले दिनों में रेलवे का बड़ा नेटवर्क तो होगा ही, यह पर्यटन विकास का भी बड़ा केंद्र बन सकता है। यहां से 100 किलोमीटर की की परिधि में झारखंड बिहार के कई पर्यटक व धार्मिक स्थलों का दीदार लोग कर सकते हैं। इनमें कोडरमा जिला के पर्यटक स्थलों के साथ-साथ रामगढ़ का रजरप्पा मंदिर, चतरा का इटखोरी, बरकट्ठा का सूर्यकुंड, पारसनाथ का मधुवन, बोधगया, राजगीर, पावापुरी, देवघर जैसे स्थान शामिल हैं। यहां रेलवे के साथ-साथ सड़क मार्ग से भी बेहतर कनेक्टिविटी होगी।