पारा शिक्षकों के मुद्दे पर जेएमएम ने जताया आभार, पूर्व शिक्षा मंत्री ने किया पलटवार
झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर
संवाद सूत्र, झुमरीतिलैया (कोडरमा): झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पारा शिक्षकों की मांग पूरी होने पर सीएम हेमंत सोरेन व शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के प्रति आभार व्यक्त किया है। पार्टी नेताओं ने बताया कि हेमंत सोरेन ने चुनावी मुद्दे को पूरा कर दिखाया।
उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों को सहायक अध्यापक के रूप में प्रोन्नति दी गई है। राज्य में साढ़े 16 साल भाजपा शासन में रही, लेकिन पारा शिक्षकों की मांग पूरी नहीं की गई और बदले में उनपर लाठियां बरसाई गई। पूर्व शिक्षा मंत्री डा. नीरा यादव चाहतीं तो पारा शिक्षकों का कल्याण हो सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
:::::::::::: वेतनमान देने वाली सरकार मानदेय पर ही अटक गई : नीरा
विधायक डा. नीरा यादव ने कहा कि 60 वर्षों तक पारा शिक्षकों को नहीं हटाने की नियमावली पूर्ववत से थी। वहीं वेतनमान देने वाली सरकार का वादा मानदेय पर ही अटक गया है। उन्होंने बताया कि मेडिकल लीव या अवकाश अवधि का मानदेय पूर्व से निर्धारित चला आ रहा है। इसमें हर साल तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता हमारी सरकार के समय से ही प्रस्तावित थी। इसे अब चार प्रतिशत किया गया है। 2014 को उच्च प्राथमिक (6-8 वर्ग) प्रशिक्षित एवं शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को 8400 मिलने वाली मानदेय राशि को बढ़ाते हुए 2019 तक में 15 हजार, प्रशिक्षित को 8000 से 13000 एवं अप्रशिक्षित को 7400 से 11500 रुपये किया गया था। प्राथमिक (1-5 वर्ग) के पारा शिक्षकों में प्रशिक्षित एवं शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण को 7800 से बढ़ाकर 2019 तक में 14000, सिर्फ प्रशिक्षित को 7400 से बढ़ाकर 12000 एवं अप्रशिक्षित शिक्षक को 6800 से बढ़ाकर 10500 रुपये किया गया था। उनके शिक्षा मंत्री रहते हुए मानदेय में 55 से लेकर 80 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की थी। हेमंत सरकार मात्र मानदेय में 50 प्रतिशत राशि बढ़ोतरी कर अपनी पीठ थपथपा रही है।