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सरकारी स्कूलों के बच्चों का भविष्य संवार रहे डीसी

देश समाज परिवार व व्यक्ति की तरक्की के लिए शिक्षा सबसे बड़ा हथियार

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 07:22 PM (IST)
सरकारी स्कूलों के बच्चों का भविष्य संवार रहे डीसी
सरकारी स्कूलों के बच्चों का भविष्य संवार रहे डीसी

अजीत कुमार, कोडरमा देश, समाज, परिवार व व्यक्ति की तरक्की के लिए शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है। एक व्यक्ति के शिक्षित होने से पूरा परिवार की स्थिति में बदलाव आता है। इसी सकारात्मक सोच के साथ कोडरमा में उपायुक्त का पदभार संभालने के बाद आदित्य रंजन ने कई पहल की। सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने के साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए निश्शुल्क कोचिग की शुरुआत की। वह शिक्षा के क्षेत्र में पहल कर बच्चों के भविष्य संवारने में जुट गए हैं।

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उपायुक्त आदित्य रंजन की स्कूली शिक्षा बोकारो से हुई है। ऐसे में उन्हें अच्छे से पता है कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कोडरमा की जिम्मेदारी संभालने के बाद यहां निश्शुल्क कोचिग एक्सिलेंट-200 की शुरुआत की। इसमें विषय विशेषज्ञ के साथ उपायुक्त, डीडीसी, एसडीओ, एसपी व अन्य पदाधिकारी क्लास लेते हैं। उन्हें विषय ज्ञान के साथ परीक्षा व साक्षात्कार के दौरान आने वाली मुश्किलों से अवगत कराते हैं। साथ ही उनका मार्गदर्शन करते हैं। एक बैच में दो सौ अभ्यर्थियों को जगह मिली है। हर प्रखंड में बनाए माडल स्कूल

वर्तमान में नौवीं से 12वीं तक के 68 सरकारी उच्च विद्यालयों को माडल स्कूल के रूप में चयन किया गया है। इन स्कूलों में छात्रों की संख्या के अनुरूप विषयवार शिक्षकों की भी प्रतिनियुक्ति की जा रही है। प्रशासन का प्रयास इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम, आनलाइन शिक्षा की सुविधा, ई लाईब्रेरी, लैब के अलावा बच्चों का मानसिक तनाव दूर करने के लिए हर जरूरी खेल की सुविधा एवं आधुनिक शिक्षा की तमाम व्यवस्था करने की है। अब इन विद्यालयों में स्पोकन इंग्लिश की भी अलग से कोचिग दी जाएगी। वहीं बच्चों में झिझक दूर करने के लिए डिबेट क्लब का गठन किया गया है। साथ ही कला संस्कृति में रुचि रखने वाले बच्चों को भी पूरा अवसर मिलेगा। जिला प्रशासन तीन चरणों में चयनित विद्यालयों का विकास करेगा। प्रथम चरण में बिना किसी खर्च के विद्यालय में जरूरी व्यवस्था में सुधार व छात्र-शिक्षकों के भावनाओं में परिवर्तन लाना है। दूसरे चरण में अल्प खर्च व तीसरे चरण में अधिक खर्च कर संसाधनों व विद्यालय में परिवर्तन लाना है। हर सप्ताह बच्चों की टेस्ट परीक्षा ली जा रही है। प्रयास यह है कि बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत हो। उपायुक्त खुद अपनी देखरेख में प्रश्न पेपर तैयार करवाते हैं। इस पहल को साकार बनाने में अनुमंडल पदाधिकारी समेत 15 सदस्यीय टीम लगी हुई है। वहीं बच्चों में क्षमता विकास के लिए इन स्कूलों में डिबेट क्लब, बाल संसद, इको क्लब कमेटी, फ‌र्स्ट एड कमेटी, स्वच्छता समिति आदि बनाई गई है। हर साल 15 हजार बच्चे कंप्यूटर में होंगे दक्ष

उपायुक्त ने पहल करते हुए जिला ई-गर्वनेंस सोसायटी कार्यक्रम से कोडरमा, झुमरीतिलैया, चंदवारा, जयनगर में कंप्यूटर प्रशिक्षण शुरू कराया है। डोमचांच में भी जल्द ही प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया जाएगा। इस मद में वर्षों से एक करोड़ की राशि पड़ी थी, लेकिन खर्च नहीं किया जा रहा था। अब उपायुक्त ने इस राशि से बच्चों को कंप्यूटर प्रशिक्षण की व्यवस्था शुरू की है। इस प्रयास से प्रति वर्ष 15 हजार बच्चे कंप्यूटर में दक्ष बनेंगे। वहीं बेसिक प्रशिक्षण पूरी करने वालों को दूसरे चरण का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोट--

देश व समाज के विकास के लिए व्यक्ति का शिक्षित होना आवश्यक है। समाज के आखिरी पायदान पर खड़ा व्यक्ति शिक्षित होगा तो देश का विकास को गति मिलेगी। इससे प्रत्येक व्यक्ति का जीवन स्तर सुधरेगा। आदित्य रंजन, उपायुक्त, कोडरमा


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