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तीन माह तक ढिबरा की नहीं होगी धरपकड़ : बंधु

तक ढिबरा की नहीं होगी धरपकड़ बंधु संवाद सहयोगी कोडरमा माइका स्क्रैप (स्क्रैप) के जंगलों से चुनने व बिक्री पर लगातार हो र

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 07:17 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:17 PM (IST)
तीन माह तक ढिबरा की नहीं होगी धरपकड़ : बंधु
तीन माह तक ढिबरा की नहीं होगी धरपकड़ : बंधु

संवाद सहयोगी, कोडरमा: माइका स्क्रैप (स्क्रैप) के जंगलों से चुनने व बिक्री पर लगातार हो रही पुलिस की कठोर कार्रवाई से राहत की उम्मीद बनी है। कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने मंगलवार को कोडरमा पहुंचकर डीसी आदित्य रंजन व एसपी कुमार गौरव से वार्ता की। इस दौरान ढिबरा मजदूर संघ के अध्यक्ष कृष्णा सिंह व कांग्रेज जिला अध्यक्ष मनोज सहाय पिकु भी मौजूद थे। बाद में परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए बंधु ने कहा कि 15 दिन पूर्व ढिबरा मजदूर संघ के द्वारा उन्हें कोडरमा में मजदूरों की समस्या से अवगत कराया गया। जंगलों में पाये जाने वाले ढिबरा चुनकर हजारों परिवार का भरण पोषण चल रहा है। इस पर किसी तरह की बंदिश ना हो इसके लिए बड़ा आंदोलन की तैयारी की जा रही थी। लेकिन कोविड के बढ़ते संक्रमण के कारण आंदोलन को स्थगित किया गया। मंगलवार को कोडरमा में डीसी-एसपी से वार्ता कर समस्या का निदान निकालने का प्रयास किया गया। वरीय पदाधिकारियों ने उनकी आग्रह को माना है। अब तीन माह तक ढिबरा स्क्रैप चुनने पर बंदिशें नहीं रहेगी। लोग छोटे वाहनों से ढिबरा का परिवहन भी कर सकेंगे। इस बीच मुख्यमंत्री से वार्ता कर जल्द ही ढिबरा पर नियमावली बनाने के दिशा में प्रयास किया जाएगा। छतीसगढ़ के तर्ज पर यहां भी जंगली गांवों में बसे लोगों को लाभ मिलनी चाहिए। सरकार को इससे अच्छा राजस्व भी प्राप्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि ढिबरा को माइनर मिनरल में शामिल किया गया है। माइका उद्योग को पुनर्जीवित कर कोडरमा को संवारा जा सकता है। गरीब-मजदूर हित की सरकार जल्द ही इस दिशा में कदम उठाएगी, ताकि लाखों परिवारों का भरण-पोषण की व्यवस्था हो सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। इसके पूर्व बंधु तिर्की के कोडरमा आगमन पर जगह-जगह स्वागत किया गया। वहीं बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी बंधु से मिलने परिसदन पहुंचे थे। :::::::::::भूख से मजदूर मरा तो होगी समस्या::::::::

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इसके पहले बंधु तिर्की को मजदूरों ने समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि जंगली गांवों में रोजगार का एक मात्र साधन ढिबरा है। लोग ढिबरा के कारण ही जंगल में पेड़-पौधों को बचाए हुए हैं। रोजगार बंद होने से भुखमरी की स्थिति हो गई है। विधायक ने कहा कि उन्होंने समस्या को डीसी-एसपी को अवगत करा दिया है। कोविड के कारण स्थिति चिताजनक है। यदि भूख से एक भी मजदूर की मौत हुई तो समस्या हो सकती है।

::::::::::मशीन चला तो प्रशासन करेगा कार्रवाई:::::::

बंधु तिर्की ने कहा कि पदाधिकारियों द्वारा जंगल में ढिबरा चुनने के दौरान किसी भी हालत में मशीन का उपयोग नहीं करने को कहा गया है। मजदूरों को इससे अवगत करवा दिया गया है। यदि ढिबरा की आड़ में कोई माफिया मशीन का उपयोग करता है, तो मजदूर इसकी सूचना प्रशासन को देंगे। ढिबरा चुनने के दौरान जंगल का नुकसान ना हो इसका भी ख्याल रखना है।


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