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कोडरमा में नहीं मिल रहा बेंच-डेस्क का हिसाब, 100 प्रधानाध्यापकों से जवाब-तलब

जासं कोडरमा जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए दो वर्ष पहले खरीदे गए नौ

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 01:35 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 01:35 PM (IST)
कोडरमा में नहीं मिल रहा बेंच-डेस्क का हिसाब, 100 प्रधानाध्यापकों से जवाब-तलब
कोडरमा में नहीं मिल रहा बेंच-डेस्क का हिसाब, 100 प्रधानाध्यापकों से जवाब-तलब

जासं, कोडरमा : जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए दो वर्ष पहले खरीदे गए नौ करोड़ रुपये की लागत से बेंच और डेस्क का अब तक विभाग को हिसाब नहीं मिल पाया है। यह राशि जिले के सभी स्कूलों में विद्यालय प्रबंधन समिति को दी गई थी। प्रति बेंच व डेस्क खरीदने के लिए चार हजार रुपये तय किए गए थे। लेकिन अधिकतर विद्यालयों में इस मानक का कोई ख्याल नहीं रखा गया। यहा तक की खरीद में बिचौलिए भी पूरी तरह से हावी रहे। लिहाजा, खरीद के नाम पर गुणवत्ता की बजाय कमीशनखोरी का बोलबाला रहा। यही वजह है कि दो वर्ष बाद ही कई विद्यालयों में बेंच व डेस्क दम तोड़ने लगे हैं। पूर्व में कुछ विद्यालयों में बेंच और डेस्क की गुणवत्ता की जाच भी अभियंताओं द्वारा की गई थी, जिसमें अनियमितता भी सामने आई थी। कई विद्यालयों द्वारा बेंच व डेस्क क्रय का हिसाब तक नहीं दिया गया। बावजूद कार्रवाई के नाम पर फाइलें ही दब गई। इधर, चालू वित्तीय वर्ष में विद्यालयों के आधारभूत व्यवस्था के लिए यू-डाइस प्रपत्र भरने के दौरान 100 विद्यालयों ने बेंच और डेस्क की उपलब्धता शून्य बताया है। ऐसे में बेंच व डेस्क का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल कर सामने आ गया है। विभाग ने अब 100 प्रधानाध्याकों से इस संबंध में जवाब मांगा है। आरडीडीई मिथिलेश सिन्हा ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि मामले की जाच की जा रही है। जाच में किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर दोषी समितियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि विभागीय पदाधिकारियों की सुस्ती के कारण ही शिक्षा विभाग की स्थिति नहीं सुधर रही है।

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