प्रतिबंध के बाद अब गुटखा-सिगरेट के खिलाफ चलेगा अभियान
प्राकृतिक संपदाओं से परिपूर्ण कोडरमा जिला मत्स्य पालन व्यवसाय के लिहाज से भी संभावनाओं से भरा है। फिलहाल जिले में 5हजार एकड़ जलक्षेत्र में मत्स्य पालन का कारोबार चल रहा है। 10 वर्ष पूर्व की अपेक्षा वर्तमान में मत्स्य उत्पादन 10 गुणा तक बढ़ गया है।
संवाद सहयोगी, कोडरमा : झारखंड सरकार द्वारा गुटखा, सिगरेट, खैनी पर एक वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। कोरोना संकट को देखते हुए सरकार स्तर से यह कदम उठाई गई है। 31 मई तक थोक विक्रेताओं को भी गोदामों से गुटखा, सिगरेट आदि हटाने की मोहलत दी गई थी। अब जून के शुरुआती सप्ताह से ही जांच अभियान तेज किया जाएगा। फूड सेफ्टी अधिकारी सुबीर रंजन ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 11 तरह की गुटखा में हानिकारक तत्व को देखते हुए प्रतिबंधित किया गया है। सिगरेट सहित अन्य धूम्रपान पर भी अगले एक वर्ष के लिए वैन किया गया है। व्यापारियों को 31 मई तक गोदामों से गुटखा, सिगरेट हटाने का समय दिया गया था। अब गोदामों, दुकानों की नियमित जांच की जाएगी। जांच में सिगरेट, गुटखा आदि पाए जाने पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि कुछ माह पूर्व झुमरीतिलैया से रजनीगंधा व शिखर गुटखा का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया था। जांच में इन दोनों में मैग्नेशियम कार्बाेनेट की मात्रा पायी गई थी, जो पूरी तरह असुरक्षित है। उन्होंने बताया कि थोक विक्रेता भी अब गोदामों में गुटखा, पान मसाला आदि नहीं रख सकते है। सभी थोक विक्रेताओं को नोटिस दी जा रही है। बावजूद जांच में पाये जाने पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। वहीं उन्होंने बताया की सार्वजनिक स्थानों में सिगरेट, गुटखा का सेवन कर थूकने पर भी पूरी तरह रोक है। जांच के दौरान पकड़े जाने पर संबंधित व्यक्ति से भी जुर्माना वसूला जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के रोकथाम को लेकर यह कदम आम आवाम के लिए बेहद आवश्यक है। सभी को इस निर्देश का अनुपालन करने की जरूरत है। ::::::::::ब्लैक में हो रही है पान मसाला की बिक्री:::::::::
यूं तो सरकार स्तर से पान मसाला व सिगरेट पर वैन लगा दिया गया, लेकिन जिले में अब भी ब्लैक में इसकी बिक्री हो रही है। फिलहाल पान मसाला व सिगरेट का मूल्य भी लगभग डेढ़ गुणा तक कर दिया गया है। संबंधित विभाग तक इसकी शिकायत भी पहुंच रही है। लिहाजा जांच अभियान तेज किया जाएगा।