अप्रवासी मजदूरों को गांवों में ही मिलेगा रोजगार : डीसी
दूसरे राज्यों से लौट रहे अप्रवासी श्रमिकों के समक्ष उत्पन्न रोजगार की संकट को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। मनरेगा के तहत गांवों में ही अकुशल मजदूरों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए सभी प्रखंडों में संबंधित अप्रवासी मजदूरों को नये सिरे से जॉब कार्ड बनवाया जा रहा है।
संवाद सहयोगी, कोडरमा : दूसरे राज्यों से लौट रहे अप्रवासी श्रमिकों के समक्ष उत्पन्न रोजगार की संकट को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। मनरेगा के तहत गांवों में ही अकुशल मजदूरों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए सभी प्रखंडों में संबंधित अप्रवासी मजदूरों को नये सिरे से जॉब कार्ड बनवाया जा रहा है। उपायुक्त रमेश घोलप ने बताया गया कि वर्तमान में बाहरी राज्यों से लौटे अकुशल मजदूरों को मनरेगा में कार्य उपलब्ध कराने के लिये उनके जॉब कार्ड बनाने तथा प्रत्येक गांव में पर्याप्त मात्रा में योजनाओं को चयन, स्वीकृत करने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिए गए हैं। गांवों में मांग के अनुरूप योजनाओं की स्वीकृति दी जा रही है। कार्यों में पारदर्शिता के लिए भी दिशा-निर्देश दिये गए हैं। कुशल मजदूरों का भी डेटा तैयार किया जा रहा है। उपायुक्त ने कहा है कि यदि मनरेगा की किसी योजना में जेसीबी मशीन के उपयोग करने की जानकारी मिलती है तो लोग शिकायत करें। सूचना के आलोक में जांचोपरांत सख्त कार्रवाई की जाएगी। लोग 9431142461, 9508287049 पर संपर्क कर शिकायत कर सकते है। उन्होंने कहा कि योजनाओं का उद्देश्य रोजगार को बढ़ावा देना है। जिले में हर हाथ को काम व भूखे को अनाज देने के प्रति प्रशासन कृत संकल्पित है। इसके लिए कई टीमों का गठन भी किया गया है। अनाज वितरण में भी पारदर्शिता के लिए पीडीएस डीलर स्तर पर टीम की तैनाती की गई है। बहरहाल, जिला प्रशासन द्वारा अप्रवासी मजदूरों का डेटा बेस तैयार किया जा रहा है। इसमें कुशल मजदूरों को भी सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में रोजगार से जोड़ने की तैयारी है। फिलहाल जिला में करीब 16 हजार से ज्यादा मजदूरों का आगमन दूसरे प्रदेशों से हुआ है।