सरकारी विभागों ने खपा दिया 10 करोड़ का अवैध खनिज
अजीत कुमार कोडरमा अवैध खनन पर लगाम को लेकर उठाये जा रहे प्रशासनिक कदम पर विभाग ह
अजीत कुमार, कोडरमा : अवैध खनन पर लगाम को लेकर उठाये जा रहे प्रशासनिक कदम पर विभाग ही पानी फेर रहे है। विकास योजनाओं में जमकर अवैध खनिज का उपयोग हो रहा है। ऐसे में प्रशासनिक तंत्र के सक्रियता के बाद भी अवैध खनिज पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
विकास योजनाओं में उपयुक्त खनिज कहां से लाई गई, इसका स्त्रोत नहीं बताया जा रहा है। स्थिति यह है कि बिना स्त्रोत के योजनाओं में उपयोग खनिज के विरुद्ध तय रायल्टी से दोगुनी राशि देनी पड़ रही है। इसके पीछे संवेदकों का तर्क है कि चालान के साथ खनिज महंगे होने के साथ-साथ समय पर नहीं मिल पाता है, इसका असर योजनाओं में पड़ता है। ऐसे में योजनाओं को पूरा करने के लिए बिना चालान वाले खनिज का उपयोग किया जा रहा है, जो अवैध की श्रेणी में आता है। उपायुक्त स्तर से विकास योजनाओं में वैध स्त्रोत से ही खनिज उपयोग के कड़े निर्देश दिए गए हैं। बावजूद इसके वित्तीय वर्ष 19-20 में 7 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 20-21 में 10.45 करोड़ का खनिज विकास योजनाओं में उपयोग कर दिया गया, जिनके स्त्रोत के बारे में पता नहीं है। उपयोग किए खनिज के विरुद्ध् दोगुनी राशि रायल्टी के रूप में जमा की गई। इससे ग्रामीण कार्य विभाग, पथ प्रमंडल कोडरमा द्वारा सर्वाधिक बिना स्त्रोत के खनिज उपयोग किया गया है। इससे अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है। :::::दो वर्षों में 220 केस, 510 वाहनों को किया गया जब्त::::: पिछले दो वर्षों में अवैध खनन व खनिज पर रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन ने कई कड़े कदम उठाए। इन दो वर्षों में 220 केस विभिन्न थानों में विभागों ने दर्ज कराया। अवैध खनिज पर लगाम को लेकर 510 वाहनों को जब्त कर भारी-भरकम जुर्माना वसूली एवं केस दर्ज किया गया। वहीं वर्ष 20 में 50 से ज्यादा क्रशर प्लांट को ध्वस्त किया गया। वहीं अवैध उत्खनन को लेकर सिरसिरवा जैसे जंगली इलाकों में बड़ा अभियान चलाकर 22 लोगों के विरुद्ध केस एवं 14 करोड़ के खनिज नुकसान का जुर्माना भी लगाया गया है।
:::कार्य विभाग को खनन पट्टा देने का है प्रावधान:::::
सड़क सहित अन्य विकास कार्यों में अवैध खनिज के उपयोग पर रोक को लेकर कार्य विभाग को खनन पट्टा देने का प्रावधान है। लेकिन इतने वर्षों में किसी विभाग द्वारा रुचि नहीं दिखाई गई। जबकि विभागों को इसकी जानकारी भी दी गई है। पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य जैसे बड़े विभाग सर्वाधिक खनिज का उपयोग कर रहे हैं।
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कार्यकारी विभागों द्वारा विकास योजनाओं में वैध स्त्रोत से खनिज उपयोग को लेकर उपायुक्त स्तर से लगातार निर्देश दिए जा रहे है। खनन विभाग द्वारा भी लगातार उपायुक्त के निर्देश का हवाला देकर पत्राचार किया जा रहा है। बावजूद आदेश का पूरी तरह अनुपालन नहीं हो पा रहा है। वैध स्त्रोत से खनिज उपयोग होने से अवैध पर लगाम लगेगा।
मिहिर सलकर, खनन पदाधिकारी कोडरमा ::::विभागों द्वारा गत दो वित्तीय वर्ष जमा की गई रायल्टी की राशि लाख में:::::::::::::::
विभाग का नाम वर्ष 19-20 वर्ष 20-21
भवन निर्माण निगम 00 71.26
एनएच हजारीबाग 00 161.69
पथ प्रमंडल कोडरमा 270.52 266.48
लघु सिचाई प्रमंडल 0.07 1.59
विशेष प्रमंडल कोडरमा 58.98 75.87
ग्रामीण कार्य विभाग 167.40 277.15
जिला शिक्षा अधीक्षक 0.39 0.23
भवन निर्माण विभाग 3.47 9.26
पीएचईडी 3.55 2.46
एनआरईपी 2.76 12.20
नगर पर्षद झुमरीतिलैया 36.37 34.44
नगर पंचायत कोडरमा 26.22 8.87
बीडीओ चंदवारा 0.98 5.58
बीडीओ जयनगर 2.35 2.59
राइटस लि. 00 64.01
आनलाइन जमा 37.27 51.76
कुल योग 709.99 लाख 1045.44 लाख