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दिखने लगा जल संकट का असर, नदियां सूखी जलापूर्ति ठप

कड़ाके की धुप के साथ गर्मी की शुरूआत से ही जिले में जल संकट अपना रूप दिखाने लगा है। पिछले वर्ष हुई सुखाड़ के कारण जिले की अधिकतर नदियां सूखा के कगार पर पहुंच गया है। जयनगर में तो हालात और भी खराब है। अक्तो नदी के सूखने से पेयजलापूर्ति व्यवस्था ठप हो गयी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 07:48 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 06:33 AM (IST)
दिखने लगा जल संकट का असर, नदियां सूखी जलापूर्ति ठप
दिखने लगा जल संकट का असर, नदियां सूखी जलापूर्ति ठप

अजीत कुमार, कोडरमा: कड़ाके की धुप के साथ गर्मी की शुरूआत से ही जिले में जल संकट अपना भयावह रूप दिखाने लगा है। पिछले वर्ष हुई सुखाड़ के कारण जिले की अधिकतर नदियां सूखने के कगार पर पहुंच गई हैं। जयनगर में तो हालात और भी खराब है। अक्तो नदी के सूखने से पेयजलापूर्ति व्यवस्था ठप हो गयी है। विभाग पिछले कुछ दिनों से प्रखंड मुख्यालय में जलापूर्ति नहीं कर पा रहा है। वहीं जयनगर से सटे बेकोबार जलापूर्ति योजना भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। पास के नदी का सूखना मुख्य कारण बताया जा रहा है। इधर, सुखाड़ का सबसे ज्यादा असर डोमचांच व कोडरमा प्रखंड में है, जहां तेजी से नलकूप ड्राई हो रहा है। इन प्रखंडो में जलस्त्रोत भी तेजी से सुख रहा है। ऐसे में आम आवाम के साथ-साथ मवेशियों के समक्ष भी गंभीर जल संकट सामने खड़ा है। जिले में सुखाड़ के साथ जल संकट से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा पुराने नलकूपों को मरम्मति व नये नलकूप अधिष्ठापन के लिए फंड जारी किया है। निर्वाचन आयोग से भी जल संकट की गंभीरता को देखते हुए निविदा निकालने व कार्य शुरू करवाने की अनुमति दी गई है। इधर, सतगांवां, मरकच्चो सहित अन्य प्रखंडो में भी जलापूर्ति व्यवस्था की स्थिति बहुत बेहतर नही हैं। सतगांवां में मुख्य स्त्रोत सकरी नदी से भी अवैध बालू उठाव भविष्य के लिए स्थानीय लोगों को संकट में डाल रहा है। बालू का अवैध उत्खनन से नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ रहा है। वहीं जल के मामले में चंदवारा का इलाका कुछ हद तक दुरूस्त है। यहां तिलैया डैम का पानी चंदवारा के साथ-साथ झुमरीतिलैया व कोडरमा नगर पंचायत का सहारा बना हुआ है। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि जयनगर व बेकोबार में नदियां सूखने के कारण जलापूर्ति प्रभावित हो रहा है। कुछ जगहों पर डीप बोरिग से राहत देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोडरमा व डोमचांच प्रखंड में सुखाड़ की स्थिति चिताजनक है। :::::::::आपदा प्रबंधन विभाग से मिला 3.70 करोड़::::::::::

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कोडरमा::::::::सुखाड़ के कारण जल संकट से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग से जिला को 3.70 करोड़ की सहायता राशि दी गई है। निर्वाचन आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद पीएचईडी विभाग द्वारा टेंडर की प्रक्रिया अपनायी गई है। इस राशि से 395 नया नलकूप, 300 पुराने नलकुप का विशेष मरम्मति तथा शेष खराब पड़े नलकूपों की साधारण मरम्मति की जानी है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद फंड पर ग्रहण लग गया था, लेकिन निर्वाचन आयोग ने राशि खर्च करने की अनुमति प्रदान की है। ::::::::::जल संकट में राहत के लिए बना 10 टीम::::::::::

कोडरमा::::::::जल संकट के साथ-साथ नलकूपों के खराबी पर त्वरित कार्रवाई के लिए 10 टीमों का गठन किया गया है। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि सभी टीमों को शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। वहीं नलकूपों की खराबी पर आम लोग कंट्रोल रूम, बीडीओ कार्यालय, पीएचईडी कार्यालय व अधिकारियों को सूचना दे सकतें है। :::::::::::::अभियंताओं की छुट्टी पर रोक::::::::::

कोडरमा::::::::जल संकट को देखते हुए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने अभियंताओं की छुट्टी पर रोक लगाया है। 1 अप्रैल से 31 जून तक आदेश प्रभावी रहेगा। वहीं अभियंताओं का मोबाईल नंबर भी सार्वजनिक किया गया है, ताकि आम आवाम नलकूपों के खराबी पर संपर्क कर सके। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि सभी टीम एक्टिव मोड में है। सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।


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