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Lok Sabha Polls 2019: नदियां सूखी, जलापूर्ति ठप, कोडरमा में पेयजल बना बड़ा मुद्दा

Lok Sabha Polls 2019. गर्मी की शुरुआत से ही जिले में जल संकट अपना रूप दिखाने लगा है। पिछले वर्ष सूखाड़ के कारण जिले की अधिकतर नदियों का पानी सूख गया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 12:05 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 12:05 PM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: नदियां सूखी, जलापूर्ति ठप, कोडरमा में पेयजल बना बड़ा मुद्दा
Lok Sabha Polls 2019: नदियां सूखी, जलापूर्ति ठप, कोडरमा में पेयजल बना बड़ा मुद्दा

कोडरमा, [अजीत कुमार]। गर्मी की शुरुआत से ही जिले में जल संकट अपना रूप दिखाने लगा है। पिछले वर्ष सूखाड़ के कारण जिले की अधिकतर नदियों का पानी सूख गया। जयनगर में तो हालात और भी खराब है। अक्तो नदी के सूखने से पेयजलापूर्ति व्यवस्था ठप हो गई है। विभाग पिछले कुछ दिनों से प्रखंड मुख्यालय में जलापूर्ति नहीं कर पा रहा है। वहीं जयनगर से सटे बेकोबार में जलापूर्ति योजना अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है।

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इसका मुख्य कारण पास की एक नदी का सूखना बताया जा रहा है। इधर, सूखाड़ का सबसे ज्यादा असर डोमचांच व कोडरमा प्रखंड में हुआ है। यहां तेजी से नलकूप सूख जा रहे हैं। इन प्रखंडों में जलस्रोत भी तेजी से सूख रहा है। ऐसे में आम-आवाम के साथ-साथ मवेशियों के समक्ष भी गंभीर जल संकट खड़ा हो गया है।

जिले में सूखाड़ के साथ जल संकट से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने पुराने नलकूपों की मरम्मत व नए नलकूप लगाने के लिए फंड जारी किया है। जल संकट की गंभीरता को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने भी निविदा निकालने व कार्य शुरू करवाने की अनुमति दी है। इधर, सतगावां, मरकच्चो सहित अन्य प्रखंडों में भी जलापूर्ति व्यवस्था की स्थिति बहुत बेहतर नहीं हैं।

सतगावां में जल के मुख्य स्रोत सकरी नदी से अवैध बालू उठाव स्थानीय लोगों के भविष्य को संकट में डाल रहा है। बालू के अवैध उत्खनन से नदियों का अस्तित्व खतरे में है। वहीं जल के मामले में चंदवारा का इलाका कुछ हद तक दुरुस्त है। यहां तिलैया डैम का पानी चंदवारा के साथ-साथ झुमरी तिलैया व कोडरमा नगर पंचायत के लिए सहारा बना हुआ है।

पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि जयनगर व बेकोबार में नदियां सूखने के कारण जलापूर्ति प्रभावित हो रही है। कुछ जगहों पर डीप बोरिंग से राहत देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोडरमा व डोमचांच प्रखंड में सूखाड़ की स्थिति चिंताजनक है।
आपदा प्रबंधन विभाग से मिले 3.70 करोड़ रुपये
सूखाड़ से उत्पन्न जल संकट से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग से जिले को 3.70 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई है। निर्वाचन आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद पीएचईडी विभाग द्वारा टेंडर की प्रक्रिया अपनायी गई है। इस राशि से 395 नए नलकूप, 300 पुराने नलकूप का विशेष मरम्मत तथा शेष खराब पड़े नलकूपों की साधारण मरम्मत की जानी है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद फंड पर ग्रहण लग गया था, लेकिन निर्वाचन आयोग ने राशि खर्च करने की अनुमति प्रदान की है।
जल संकट में राहत के लिए बनी 10 टीम
जल संकट के साथ-साथ नलकूपों की खराबी पर त्वरित कार्रवाई के लिए 10 टीमों का गठन किया गया है। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि सभी टीमों को शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। वहीं नलकूपों की खराबी पर आम लोग कंट्रोल रूम, बीडीओ कार्यालय, पीएचईडी कार्यालय व अधिकारियों को सूचना दे सकते हैं।
अभियंताओं की छुट्टी पर रोक
जल संकट को देखते हुए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने अभियंताओं की छुट्टी पर रोक लगा दी है। यह आदेश एक अप्रैल से 31 जून तक प्रभावी रहेगा। वहीं अभियंताओं का मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक किया गया है, ताकि आम-आवाम नलकूपों की खराबी पर संपर्क कर सके। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि सभी टीम एक्टिव मोड में है। सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।


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