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PCPNDT Act: कन्या भ्रूण हत्या की शिकायत पर झुमरीतिलैया के बागे अल्‍ट्रासाउंड सेंटर में छापेमारी Koderma News

PCPNDT Act इस अल्‍ट्रासाउंड सेंटर के खिलाफ भ्रूण जांच की गोपनीयता भंग करने की लगातार मिल रही शिकायतों पर जांच टीम यहां छापेमारी करने पहुंची।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 10:06 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 10:29 AM (IST)
PCPNDT Act: कन्या भ्रूण हत्या की शिकायत पर झुमरीतिलैया के बागे अल्‍ट्रासाउंड सेंटर में छापेमारी Koderma News
PCPNDT Act: कन्या भ्रूण हत्या की शिकायत पर झुमरीतिलैया के बागे अल्‍ट्रासाउंड सेंटर में छापेमारी Koderma News

कोडरमा, जासं। कोडरमा जिले के झुमरी तिलैया में बागे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गुरुवार को PCPNDT Act की जांच टीम ने छापेमारी की है। इस अल्‍ट्रासाउंड सेंटर के खिलाफ भ्रूण जांच की गोपनीयता भंग करने की लगातार मिल रही शिकायतों पर टीम यहां छापेमारी करने पहुंची। जांच के लिए पहुंची PCPNDT Act की राज्‍यस्‍तरीय टीम अल्‍ट्रासाउंड सेंटर के रेकॉर्ड खंगाल रही है।

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पीसीपीएनडीटी की राज्य स्तरीय टीम ने बोला धावा

भ्रूण जांच के लिए चर्चित कोडरमा जिले में 3 महीना के बाद एक बार फिर पीसीपीएनडीटी की राज्य स्तरीय टीम में धावा बोला है। झुमरीतिलैया राजगढ़िया रोड स्थित बागे अल्ट्रासाउंड केंद्र में सुबह 9 बजे ही इस टीम ने छापेमारी की, तब तक क्लीनिक के रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर सुबोध बागे क्लीनिक नहीं पहुंचे थे। लेकिन उनके सहयोगी कर्मचारी व कुछ मरीज केंद्र में मौजूद थे।

टीम ने पहुंचते ही यहां कागजातों की जांच शुरू कर दी है और मरीजों-कर्मियों से पूछताछ कर रही है। सनद हो कि गत 27 मई को भी पीसीपीएनडीटी एक्ट की राज्य स्तरीय टीम ने झुमरीतिलैया के धनवंतरी अल्ट्रासाउंड केंद्र में छापामारी कर रेडियोलॉजिस्ट डॉ सीमा मोदी एवं एक महिला बिचौलिया को भ्रूण जांच करते रंगे हाथ पकड़ा गया था। मामले में दोनों की गिरफ्तारी भी हुई थी। करीब 3 महीना तक जेल में रहने के बाद दोनों की जमानत उच्च न्यायालय से हुई है। इधर फिर हुई कार्रवाई से लोग लोग सकते में है।

उल्लेखनीय है कि कोडरमा में बड़े पैमाने पर कन्या भ्रूण हत्या की शिकायतें जिला प्रशासन को मिलती रही है। जिसके कारण जिले के लिंगानुपात में भारी गिरावट दर्ज हुई है। जिला प्रशासन के द्वारा इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी गई है। साथ ही रिपोर्ट में कई अल्ट्रासाउंड केंद्रों को चिन्हित कर इनकी भूमिका को संदिग्ध बताया गया था। माना जा रहा है कि इसी के आधार पर उक्त कार्रवाई हो रही है। टीम के साथ कोडरमा के कार्यपालक दंडाधिकारी संतोष सिंह भी शामिल हैं।


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