Jharkhand Election Result 2019: अन्नपूर्णा झारखंड की सुपरस्टार, मरांडी को वोटरों ने नकारा
Jharkhand Election Result 2019. कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में एक बार फिर भगवा लहर चला है। भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी ने बाबूलाल मरांडी को हराकर रिकॉर्ड जीत हासिल की है।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 03:20 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 05:06 PM (IST)
कोडरमा, जागरण संवाददाता। Jharkhand Election Result 2019 - कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड में सबसे बड़ी जीत हासिल की है। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी झाविमो सुप्रीमो सह सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को वोटरों ने पूरी तरह से नकार दिया है। इसके साथ ही लोकसभा क्षेत्र में एक बार फिर भगवा लहर चल पड़ा है।
भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी को कुल 711765 वोट प्राप्त हुए हैं। दूसरी ओर झाविमो के बाबूलाल मरांडी को 286678 वोट अभी तक मिले हैं। इस तरह से अन्नूपर्णा देवी 425087 वोटों से जीत गई हैं। उनकी जीत अब तय मानी जा रही है। पूरे कोडरमा संसदीय क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता खुशी से झूम रहे हैं। भाकपा माले के राजकुमार यादव को 55874 वोट मिले हैं।
कोडरमा के निवर्तमान सांसद डॉ. रवींद्र राय का टिकट कटने के बाद उपजे कई तरह के अंतर्विरोध के बावजूद चुनाव के ठीक पहले राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं अन्नपूर्णा देवी भाजपा के इस किले को बचाने में कामयाब होती दिख रही हैं। यहां इनका मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री व झारखंड के बड़े नेता बाबूलाल मरांडी के साथ था। इसलिए इस सीट पर सबकी नजर थी।
भाजपा का प्रदेश नेतृत्व व स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसे चुनौती के रूप में लिया। मुख्यमंत्री ने यहां करीब आधा दर्जन चुनावी सभाएं की और प्रमुख नेताओं से सीधा संपर्क स्थापित कर डे-टू-डे की मॉनिटरिंग करते रहे। कोडरमा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की चुनावी सभा का कार्यक्रम तय किया गया।
हालांकि फणी तूफान के कारण अंतिम समय में अमित शाह का कार्यक्रम रद्द हो गया था। वर्ष 1998 में अपने पति एकीकृत बिहार की राबड़ी देवी सरकार में मंत्री रहे स्व. रमेश प्रसाद यादव की असामयिक निधन के बाद घर की देहरी लांघकर राजनीति में आई अन्नपूर्णा देवी वर्ष 1998 का विधानसभा उपचुनाव, वर्ष 2000, 2005 और 2009 का विधानसभा चुनाव लगातार कोडरमा विधानसभा क्षेत्र से जीतती रहीं।
वर्ष 2013 में हेमंत सोरेन की सरकार में वो प्रदेश में मंत्री भी बनी। लेकिन वर्ष 2014 में उन्हें पहली बार भाजपा प्रत्याशी नीरा यादव से हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में प्रदेश में राजद का सूपड़ा पूरी तरह साफ हो गया था। इसके कुछ दिनों बाद लालू प्रसाद ने उन्हें राजद के प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर सौंपी। लेकिन इसी वर्ष अप्रैल माह में अचानक हुए राजनीतिक उलटफेर के बीच वो सभी को चौंकाते हुए राजद छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं।
माना जा रहा है कि कोडरमा सांसद रवींद्र राय को बेटिकट करने के लिए ही प्रदेश नेतृत्व ने अन्नपूर्णा देवी को पार्टी में शामिल किया। इसके कुछ दिनों बाद ही उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की गई। इस तरह अन्नपूर्णा देवी के लिए राजनीतिक बदलाव का यह जोखिम भरा कदम सुखद के साथ-साथ राजनीति में उनके लिए पुनर्जन्म जैसा रहा।
भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी को कुल 711765 वोट प्राप्त हुए हैं। दूसरी ओर झाविमो के बाबूलाल मरांडी को 286678 वोट अभी तक मिले हैं। इस तरह से अन्नूपर्णा देवी 425087 वोटों से जीत गई हैं। उनकी जीत अब तय मानी जा रही है। पूरे कोडरमा संसदीय क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता खुशी से झूम रहे हैं। भाकपा माले के राजकुमार यादव को 55874 वोट मिले हैं।
कोडरमा के निवर्तमान सांसद डॉ. रवींद्र राय का टिकट कटने के बाद उपजे कई तरह के अंतर्विरोध के बावजूद चुनाव के ठीक पहले राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं अन्नपूर्णा देवी भाजपा के इस किले को बचाने में कामयाब होती दिख रही हैं। यहां इनका मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री व झारखंड के बड़े नेता बाबूलाल मरांडी के साथ था। इसलिए इस सीट पर सबकी नजर थी।
भाजपा का प्रदेश नेतृत्व व स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसे चुनौती के रूप में लिया। मुख्यमंत्री ने यहां करीब आधा दर्जन चुनावी सभाएं की और प्रमुख नेताओं से सीधा संपर्क स्थापित कर डे-टू-डे की मॉनिटरिंग करते रहे। कोडरमा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की चुनावी सभा का कार्यक्रम तय किया गया।
हालांकि फणी तूफान के कारण अंतिम समय में अमित शाह का कार्यक्रम रद्द हो गया था। वर्ष 1998 में अपने पति एकीकृत बिहार की राबड़ी देवी सरकार में मंत्री रहे स्व. रमेश प्रसाद यादव की असामयिक निधन के बाद घर की देहरी लांघकर राजनीति में आई अन्नपूर्णा देवी वर्ष 1998 का विधानसभा उपचुनाव, वर्ष 2000, 2005 और 2009 का विधानसभा चुनाव लगातार कोडरमा विधानसभा क्षेत्र से जीतती रहीं।
वर्ष 2013 में हेमंत सोरेन की सरकार में वो प्रदेश में मंत्री भी बनी। लेकिन वर्ष 2014 में उन्हें पहली बार भाजपा प्रत्याशी नीरा यादव से हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में प्रदेश में राजद का सूपड़ा पूरी तरह साफ हो गया था। इसके कुछ दिनों बाद लालू प्रसाद ने उन्हें राजद के प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर सौंपी। लेकिन इसी वर्ष अप्रैल माह में अचानक हुए राजनीतिक उलटफेर के बीच वो सभी को चौंकाते हुए राजद छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं।
माना जा रहा है कि कोडरमा सांसद रवींद्र राय को बेटिकट करने के लिए ही प्रदेश नेतृत्व ने अन्नपूर्णा देवी को पार्टी में शामिल किया। इसके कुछ दिनों बाद ही उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की गई। इस तरह अन्नपूर्णा देवी के लिए राजनीतिक बदलाव का यह जोखिम भरा कदम सुखद के साथ-साथ राजनीति में उनके लिए पुनर्जन्म जैसा रहा।
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