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Koderma, Lok Sabha Election 2019: कोडरमा में 16.50 लाख मतदाता तय करेंगे 14 उम्मीदवारों की किस्मत

Lok Sabha Election 2019. कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के लगभग 16.50 लाख वोटर अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट करेंगे। यहां 14 प्रत्याशी मैदान में हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 08:30 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 08:30 PM (IST)
Koderma, Lok Sabha Election 2019: कोडरमा में 16.50 लाख मतदाता तय करेंगे 14 उम्मीदवारों की किस्मत
Koderma, Lok Sabha Election 2019: कोडरमा में 16.50 लाख मतदाता तय करेंगे 14 उम्मीदवारों की किस्मत

कोडरमा, जागरण संवाददाता। Lok Sabha Election 2019 - कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के लगभग 16.50 लाख वोटर अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट करेंगे। पहली बार पूरी चुनाव की कमान महिला कर्मियों को दी गई है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 6 सखी बूथ बनाये गये है, जहां मतदान पदाधिकारी पुलिस बल के रूप में महिला कर्मी ही होंगी। यहां 14 प्रत्याशी मैदान में हैं।

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इनमें भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी, झाविमो प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी, माले प्रत्याशी राजकुमार यादव, विकास शक्ति पार्टी के अवधेश कुमार सिंह, आरजेएसएसपी के अजय कृष्ण, एएचएफबी के शिवनाथ साव, बहुजन समाज पार्टी के सरफराज अहमद, हिंदुस्तान निर्माण दल के टुकलाल नायक, मूल निवासी समाज पार्टी के बयास कुमार, जनता कांग्रेस के दयानंद कुमार, तृणमुल कांग्रेस के कंचन कुमारी, निर्दलीय प्रत्याशी मो. महबूब आलम, प्रदीप तुरी, रामेश्वर प्रसाद यादव शामिल हैं।

निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान को लेकर जहां प्रशासनिक स्तर पर व्यापक तैयारी की गई है, वहीं जिला प्रशासन के साथ-साथ विभिन्न संगठनों के द्वारा भी हाल में चलाए गए मतदाता जागरुकता अभियान का असर वोटिंग में दिखने की उम्मीद है। चूंकि यहां मुकाबला दो गठबंधनों के बीच बिल्कुल आमने-सामने का है, ऐसे में इनके समर्थक वोटरों का उत्साह बहुत हद तक प्रत्याशियों की जीत-हार तय करेगा।

ऐसे में एनडीए व महागठबंधन दोनों की रणनीति ज्यादा से ज्यादा वोटरों को बूथों तक ले जाने की है। क्योंकि समर्थक यदि बूथों पर पहुंचकर वोट में तब्दील नहीं होते हैं, तो इसका फायदा दलों को भी नहीं होगा। हाल के दिनों में जिला प्रशासन के द्वारा स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाता जागरुकता अभियान चलाकर वोटरों को मतदान के प्रति जागरूक किया है। दिव्यांग, वृद्ध वोटरों के लिए विशेष सुविधाएं दी गई है।

वोटरों को उत्साहित करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं। प्रशासन का लक्ष्य वोटिंग प्रतिशत को 80 फीसद तक पहुंचाने का है। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में वोटिंग का प्रतिशत लगभग 60 था। पिछले दो दिनों तक बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान फणि के प्रभाव से जिले का मौसम सुहावना रहा था, जबकि रविवार से फिर एकबार गर्मी बढ़ गई है।

सोमवार को मौसम का असर वोटिंग प्रतिशत पर पड़ सकता है। ऐसे में अपने समर्थक वोटरों को ज्यादा से ज्यादा वोटिंग के लिए प्रेरित करना राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के लिए भी चुनौती बन गई है। इससे साफ है कि वोटिंग का प्रतिशत भी प्रत्याशियों की जीत-हार तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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