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बनई नदी पर पुल नहीं बनने से अवरुद्ध हो रहा फड़ीगा गांव का विकास

खूंटी जिले में ऐसे कई नक्सल प्रभावित गांव हैं जहां आजादी के 70 दशक बाद भी विकास नहीं हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:01 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:01 AM (IST)
बनई नदी पर पुल नहीं बनने से अवरुद्ध हो रहा फड़ीगा गांव का विकास
बनई नदी पर पुल नहीं बनने से अवरुद्ध हो रहा फड़ीगा गांव का विकास

सुनील सोनी, तोरपा : खूंटी जिले में ऐसे कई नक्सल प्रभावित गांव हैं जहां आजादी के 70 दशक बाद भी वाहन से नहीं पहुंचा जा सकता। सरकार और प्रशासन दावा करता है कि नक्सल फोकस एरिया के तहत गांव का चयन कर विकास का काम किया जा रहा है। पर ऐसे कई गांव हैं, जहां विकास की किरण आज भी पहुंच नहीं पाई है। ऐसा ही एक गांव है तोरपा प्रखंड के फटका पंचायत का फड़ीगा गांव। ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव के अधिकांश लोगों के पास न तो राशन कार्ड है और न ही आधार कार्ड। क्षेत्र के सांसद और विधायक को भी स्थानीय लोगों ने कभी अपने गांव में आते नहीं देखा है। शुक्रवार को फड़ीगा की रहने वाले सनिका बोदरा की गर्भवती पत्नी जेंडु मुंडा की पेट में अचानक दर्द उठने के बाद तो उसके घर वाले परेशान हो गए। इसकी जानकारी गांव के सहिया अनिता बोदरा को दिया गया तो उन्होंने 108 एंबुलेंस को फोन कर बुलाया। रास्ते में पड़ने वाले बगैर पुल वाले नदी को पार कर गांव तक एंबुलेस का पहुंचना संभव नहीं था। ऐसे में घर वाले जल्दी से एक कुर्सी को डोली बना कर जेन्डु को कुर्सी में बैठाया और नदी पार करते हुए करीब दो किलोमीटर की दूरी तय कर एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद उसे रेफरल अस्पताल भेजा गया।

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बनई नदी में पुल नहीं रहने के कारण पांच-छह गांवों के लोगों को बरसात के दिनों में काफी दिक्कत होती है। खासकर गर्भवतियों और बीमार-बुजुर्ग को। प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने के लिए भी इस नदी पर कोई पुल नहीं बना है। नदी में पानी बढ़ने पर ग्रामीणों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय समेत बाहरी दुनिया से कट जाता है। संबंधित गांवों के लोग नदी पर पुल बनाने की मांग पिछले कई वर्षों से कर रहे है, लेकिन जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी इस समस्या को हल्के में ले रहे हैं। बताते चलें कि फटका से फड़ीगा को जाने वाले रास्ते में बनई नदी की चौड़ाई लगभग 150 से 200 फीट से अधिक है। बरसात के दिनों में नदी में बाढ़ काफी विकराल रूप ले लेती है। बरसात के दिनों में ग्रामीणों को नदी पार करने में डर लगता है। जब कोई गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिला को इलाज के लिए आना पड़ता है तो डोली या तो खाट से लाना ले जाना पड़ता है, जो काफी कष्टप्रद होता है। नदी पर पुल जाने से पंचायत की आधा दर्जन गांवों के लोगों की राह आसान हो जाएगी। साथ ही बरसात के मौसम में भी तोरपा प्रखंड मुख्यालय से भी संपर्क कायम हो जाएगा। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण प्रशासन को भी विधि-व्यवस्था संधारण में आने वाली परेशानी कम हो जाएगी। विकास के रास्ते खुलेंगे तो उग्रवाद की गतिविधियों में भी कमी आएगी। बनई नदी पर पुल बनाने के लिए कई बार स्थानीय सांसद व विधायक से आग्रह किया गया है। पुल बन जाने से इस आसपास के ग्रामीणों को काफी सहूलियत मिलेगी। विकास के मार्ग खुलेंगे और गांव समृद्ध होगा। बच्चों को पठन-पाठन में भी सहुलियत होगी।

- पुष्पा गुड़िया, मुखिया, फटका स्कूल-कालेज आने-जाने वाले छात्र-छात्राओं को नदी पार करने में बहुत कठिनाई होती है। साइकिल से नदी पार करना परेशानी भरा रहता है। बालू पानी के बीच साइकिल चलाना परेशानी का सबव बन जाता है। यहां पुल बनाना बहुत जरूरी है।

- जोसेफ गुड़िया बरसात हो या गर्मी नदी पार करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बरसात में महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है। इसीलिए इस नदी पर पुल बनाना अति आवश्यक है। शुक्रवार को गांव में विकट स्थित पैदा हो गई थी, जब एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने की नौबत आ गई थी।

- पौलुस गुड़िया पुल के लिए मुख्यमंत्री से लगाएंगे गुहार

संसू, तोरपा : बनई नदी पर पुल नहीं रहने के कारण सुगम आवागमन के लिए तरस रहे फटका के ग्रामीण मुख्यमंत्री से पुल बनाने की गुहार लगाएंगे। इसको लेकर रविवार को ग्रामीणों ने बैठक की। मौके पर बनई नदी पर पुल बनाने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने ज्ञापन तैयार कर सभी का हस्ताक्षर कराया। उक्त ज्ञापन को सोमवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।


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